क्यों ओजोन परत पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है?
ये पृथ्वी की बड़ी कमजोरी भी है, दरअसल 1980 के दशक में अंटार्कटिका के वैज्ञानिकों ने हमारे ग्रह तक पहुंचने वाले सौर विकिरण की मात्रा को ेचक किया था तो उन्हें ओजोन परत पर एक छेद मिला था.
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View In Appइसके लिए मुख्य रूप से क्लोरोफ्लोरोकार्बन या सीएफसी रसायन जिम्मेदार थे. उस दशक में उद्योगों में इसका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा था.
हाल ही में ओजोन पर फिर एक बड़ा खतरा देखा गया है. दरअसल वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ओजोन परत का छेद बढ़ता जा रहा है.
दरअसल अंटार्कटिका में ये छेद नजर आता है. जहां ये छेद बढ़ता दिखाई दे रहा है, जिसका मुख्य कारण बहुत कम तापमान और उच्च वायुमंडलीय बादलों में होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाएं हैं.
ये प्रतिक्रियाएं ओजोन को तोड़ती हैं और ओजोन परत को खा जाती हैं. पिछले कुछ समय से इनपर खतरा बढ़ा है.
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