शाहजहां ने आखिर यमुना किनारे ही क्यों बनवाया लाल किला? वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप
दिल्ली के हिस्टोरिकल प्लेसेस में लाल किले का जिक्र जरूर होता है, जिसे मुगलिया सल्तनत का नायाब नमूना माना जाता है. इसकी कारीगरी और नक्काशी आज भी बेहद खूबसूरत और मनमोह लेने वाली है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि शाहजहां ने आखिर यमुना नदी के किनारे ही लाल किले को क्यों बनवाया था. अगर आपके मन में भी इसे लेकर कुछ सवाल है तो लिए हम आपको बताते हैं इसके पीछे का जवाब.
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View In Appसबसे पहले आपको बताते हैं कि मुगल बादशाह शाहजहां को अपने शासनकाल के दौरान लाल किले का निर्माण करवाने में 10 साल का समय लगा था. बताया जाता है कि इसका निर्माण कार्य 1638 से शुरू हुआ था जो 1648 तक चला था.
यही कारण है कि आज भी इस इमारत को दुनिया की सबसे प्रमुख इमारतों में से एक माना जाता है. लाल किले की डिजाइन अहमद लाहौरी ने की थी, जिसे देखने के लिए सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं.
अब आपको बताते हैं कि लाल किले को यमुना नदी के किनारे बनाने का कारण क्या है? अगर नहीं, तो हम आपको बताते हैं इसके पीछे शाहजहां की रणनीति क्या थी.
दरअसल, शाहजहां ने यमुना नदी के किनारे ही लाल किले का निर्माण इसलिए करवाया क्योंकि नदी को पार करके दुश्मनों का किले पर चढ़ाई करना आसान नहीं था. ऐसे में नदी के किनारे किले को बनवाने से शाहजहां को बहुत सुरक्षा मिली थी.
इसका दूसरा कारण यह भी बताया जाता है कि लाल किले के आसपास रहने वाले लोगों को पानी की समस्या ना हो और उन्हें आसानी से पानी मिल सके इसलिए इसे यमुना नदी के किनारे ही बनवाया गया था.
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