हवाई जहाज की खिड़की पर बना ये छोटा सा छेद है बहुत जरूरी!...यात्रियों की सुरक्षा से है सीधा संबंध!
हवाई सफर रोमांच से भरा रहता है. हवाई सफर के दौरान कई चीजों को देखकर हमारे मन में तरह-तरह के सवाल भी आते हैं. हवाईजहाज से सफर करने के दौरान आपने ध्यान दिया होगा कि प्लेन की खिड़की पर एक छोटा सा छेद होता है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है?
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View In Appजमीन से हजारों फीट ऊपर जब हवाई जहाज उड़ता है तो यात्रियों की सुरक्षा सबसे पहली जिम्मेदारी होती है. इसी क्रम में प्लेन की खिड़की पर बना वो छेद भी शामिल है. यह बेहद जरूरी होता है. यह छेद यात्रियों की सुरक्षा के लिए ही बनाए जाते हैं. आइए बताते हैं कैसे...
जब प्लेन जमीन से हजारों फीट ऊपर उड़ता है तो वहां ऑक्सीजन और हवा का दबाब बेहद कम होता है. ऐसे में इतनी ऊपर उड़ते वक्त सुरक्षा के मद्देनजर ही प्लेन की खिड़कियों को स्पेशल तरीके से डिजाइन किया जाता है. जिसके चलते उसमें ये छोटा सा छेद भी छोड़ा जाता है.
धरती से कई हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ते हुए हवाई जहाज के बाहर हवा का दबाव काफी कम होता है. लेकिन, हवाई जहाज के अंदर यात्रियों के लिए दवाब ज्यादा किया जाता है ताकि वो सांस ले सकें. इस तरह अंदर और बाहर के एयर प्रेशर में फर्क होने की वजह से प्लेन की खिड़की पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है. ऐसे में प्लेन की खिड़की का कांच टूटने का खतरा होता है और इससे प्लेन क्रैश होने का खतरा भी होता है. कांच न टूट पाए इसलिए प्लेन की खिड़की पर तीन परत के कांच लगाए जाते हैं.
वैसे हवाई जहाज की खिड़की पर बने इस छोटे से छेद को ब्लीड होल कहते हैं, इससे हवा पास होती है. ये होल बाहरी कांच और अंदरूनी कांच के बीच हवा के दबाव के मेंटेन रखता है, जिसकी वजह से प्लेन की खिड़की टूटने का खतरा बहुत कम हो जाता है. साथ ही, इस होल से हल्की हवा निकलने के साथ-साथ मॉइश्चर भी निकलता है जिससे प्लेन की खिड़कियों पर धुंध नहीं जमती है.
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