जानिए, अगर ATM या ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में पैसे कट जाएं तो बैंक या आप कौन होगा जिम्मेदार?
अगर आपकी गलती नहीं है और एटीएम या ऑनलाइन टांजेक्शन से आपका पैसा कटा है और बैंक पैसे देने में आना कानी कर रहा है तो आप इसकी शिकायत आप बैंकिंग ओम्बुड्समैन के पास करें.
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View In Appअन्य किसी और मसले पर यदि किसी फ्रॉड की पुष्टि होती है जिसमे न तो ग्राहक की गलती है और न ही बैंक की, ऐसे मौके पर यदि ग्राहक सात दिन के अंदर बैंक को जानकारी देता है तब बैंक की तरफ से ग्राहक के इस मसले पर हल निकाला जाएगा.
इससे ठीक उलट यदि ग्राहक की तरफ से किसी तरह की गलती को अंजाम दिया गया है जैसे- किसी गोपनीय जानकारी को ग्राहक गलती से किसी के साथ साझा कर देता है, इस अवस्था में ग्राहक को इस बात की खबर बैंक को देनी होगी वरना इस फ्रॉड का जिम्मेदार बैंक के बजाए ग्राहक स्वयं होगा.
यदि किसी लेन-देन के दौरान बैंक की लापरवाही, फ्रॉड या किसी भी तरह की अनऑफीशियल एक्टिविटी पर सीधे-सीधे बैंक जिम्मेदार होते हैं. इस तरह अन्य लापरवाही जैसे एटीएम से रुपये निकालने के दौरान ग्राहक के रुपये कट जाते हैं तो ग्राहक तीन वर्किंग डे के अंदर बैंक को इत्तेला कर देता है तो बैंक की जिम्मेदारी होती है कि ग्राहक के रुपये उस तक पहुंचाए.
बहरहाल हम आपको बताएंगे कि अगर आप खाताधारक हैं आपके साथ किसी तरह का फ्रॉड होता है तो इसका जिम्मेदार कौन हो सकता है, बैंक्स या खुद आप, और अगर बैंक जिम्मेदार है तो आपका पैसा वापस आएगा कि नहीं. आइए जानते हैं.
मगर इन सभी लेन-देन में हुए फ्रॉड्स के लिए जिम्मेदार कौन होता है. यह एक यक्ष प्रश्न बन के सभी को सताता रहता है. अक्सर ग्राहक बैंक्स को दोष देते हैं. मगर मसला ग्राहकों की लापरवाही से भी जुड़ा हुआ भी हो सकता है.
बैंकों से लेन-देन की संख्या रोजाना बढ़ रही है. साथ ही रोजाना इससे जुड़े कई फ्रॉड्स भी सामने आ रहे हैं. कभी किसी के एटीएम के जरिए कैश निकालने के दौरान रुपयों की धोखाधड़ी सामने आती है तो कभी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को लेकर बैंक ग्राहकों को फ्रॉड का समाना करना पड़ता है. कभी-कभी तो एटीएम घर पर रहता है और अकाउंट से एटीएम के जरिए पैसा निकल जाता है.
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