महिला दिवस विशेष : धरती से लेकर आसमान तक परचम लहराने वालीं ये हैं पहली भारतीय महिलाएं
न्यायमूर्ति फातिमा बीबी का जन्म 1927 में हुआ था. फतिमा साल 1989 में सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली पहली भारतीय महिला बनी. आपको बता दें कि उनका पूरा नाम मीरा साहिब फातिमा बीबी है. वे तमिलनाडू की पूर्व राज्यपाल भी रह चुकी हैं.
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View In Appलेखिका और उपन्यासकार अंरूधति राय का जन्म 24 नंवबर 1961 को हुआ. अपने उपन्यास द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स के लिये बुकर पुरस्कार जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला हैं. आपको बता दें कि लेखिका होने के अलावा अरुंधति समाज-सेवा के कामों में काफी सक्रिय रही हैं.
कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हुआ था. कल्पना अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला बनी. आपको बता दें कि वे कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गए सात यात्री दल सदस्यों में से एक थीं.
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1931 को हुआ था. सावित्रीबाई फुले भारत के प्रथम कन्या विद्यालय में प्रथम महिला शिक्षिका बनी. 1852 में उन्होंने अछूत बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की. आपको बता दें कि उन्होंने पूरा जीवन महिलाओं की शिक्षा के लिए लड़ाई लड़ी.
भारत की पहली महिला आईपीएस बनने का गौरव हासिल करने वाली डॉ किरण बेदी का जन्म 9 जून 1949 को हुआ. उन्होंने 35 साल पुलिस तक सेवा दी. वर्तमान में किरण बेदी पुडुचेरी की उपराज्यपाल हैं.
महिला दिवस के मौके पर आज हम आपको उन भारतीय महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने समय से आगे रहते हुए पहली महिला जज, पहली महिला अंतरिक्ष यात्री, पहली महिला आईपीएस और पहली महिला टीचर बनीं. आगे की स्लाइड्स में जानें इन महिलाओं से जुड़ी हुईं खास बातें...
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