In Pics: क्या है घरेलू महिला हिंसा कानून? पीड़िता कहां करवाएं केस दर्ज
महिलाएं अपनी इस समस्याओं के समाधान के लिए कोर्ट जा सकती हैं. इस कानून में खास बात ये है कि खुद पीड़िता को मजिस्ट्रेट्स के सामने जाने की जरूरत नहीं है. संरक्षण अधिकारी ही उनके आधार पर केस दर्ज करवा सकता है. फोटो-गूगल फ्री इमेज
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appकेस दर्ज होने के बाद तीन दिन के अंदर मजिस्ट्रेट को मामले में कार्यवाही शुरू करनी होती है. साथ ही मजिस्ट्रेट पर 60 दिनों के अंदर मामले को निपटाने की जिम्मेदारी भी होती है. फोटो-गूगल फ्री इमेज
किसी दूसरे व्यक्ति की ओर से दर्ज करवाई गई शिकायत के सच ना पाए जाने पर भी उस व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी. ऐसा प्रावधान इसलिए किया गया है कि महिलाएं आमतौर पर अपने खिलाफ हो रही हिंसा के प्रति अपनी अवाज नहीं उठा पाती हैं. फोटो-गूगल फ्री इमेज
इस कानून के तहत घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला इसकी शिकायत कर सकती हैं. महिला किसी वजह से ऐसा करने में समर्थ नहीं हैं तो उसकी जगह कोई दूसरा व्यक्ति (जिसे ऐसा लगता हो कि उसके आसपास घरेलू महिला हिंसा की घटना घट रही है) भी शिकायत करवा सकता है. फोटो-गूगल फ्री इमेज
महिलाएं मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट से भी इसकी शिकायत कर सकती हैं. लेकिन इसमें ध्यान रखने वाली बात ये है कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट शहरी महिलाएं ही संपर्क कर सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि 10 लाख वाले क्षेत्र में ही ऐसा करना संभव है. फोटो-गूगल फ्री इमेज
अब सवाल यह है कि इसकी शिकायत कहां करें? हर राज्य में प्रदेश सरकार की ओर से ‘संरक्षण अधिकारी’ नियुक्त किया जाता है. 'घरेलू महिला हिंसा कानून 2005' के तहत महिलाएं अपने पास के ‘संरक्षण अधिकारी’ अधिकारी से संपर्क कर सकती हैं. फोटो-गूगल फ्री इमेज
पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को इस नर्क जैसी जिंदगी से निकालने और उनकी रक्षा के लिए 'घरेलू महिला हिंसा कानून 2005' संविधान के जरिए उन्हें दिया गया है. इस कानून को भारतीय संसद ने साल 2005 में मंजूरी दी थी. फोटो-गूगल फ्री इमेज
सबसे पहला सवाल है कि महिला घरेलू हिंसा है क्या? बता दें कि किसी महिला के साथ मानसिक, शारीरिक और यौन शोषण घर के अंदर होने लगे तो उसे महिला घरेलू हिंसा कहा जाता है. ऐसा करने वाले महिला के रिश्तेदार या परिवार के लोग हो सकते हैं. फोटो-गूगल फ्री इमेज
विडंबना ये है कि महिलाओं को इस बात की जानकारी कम ही होती है कि 'घरेलू महिला हिंसा कानून' उनकी रक्षा के लिए भारतीय संविधान के तहत मौजूद है. इस गैलरी के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या है यह कानून और कैसे इसका इस्तेमाल कर महिलाएं अपने साथ होने वाली घरेलू हिंसा के खिलाफ अपनी अवाज बुलंद कर सकती हैं. फोटो-गूगल फ्री इमेज
घरेलू महिला हिंसा भारतीय समाज का एक ऐसा मुद्दा है जिस पर आमतौर से कम ही चर्चा की जाती है. जानकारी का अभाव कहें इसे या अशिक्षा का प्रकोप, वजह चाहे जो भी हो लेकिन यह सच है कि घरेलू हिंसा से भारतीय समाज की महिलाएं पीड़ित हैं. फोटो-गूगल फ्री इमेज
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -