खबरों के मुताबिक मंत्रालय का मानना है कि व्हॉट्सएप ने भीड़ को उकसाने वाले फर्जी संदेशों पर लगाम लगाने के मामले में सरकार की सभी आपत्तियों को दूर नहीं किया है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा , 'हमें व्हॉट्सएप से फिर बात करनी होगी. यह सिर्फ तभी होता है जब इससे पहले की प्रतिक्रिया से पूरी तरह संतुष्टि नहीं मिली हो'. (तस्वीर-फ्री गूगल इमेज)
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बता दें कि हाल ही में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने अफवाहें फैलाने वाले संदेशों पर लगाम लगाने के लिए इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी व्हॉट्सएप से बात करने की खबर सामने आई थी. (तस्वीर-फ्री गूगल इमेज)
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व्हाट्सएप ने अपने ब्लॉग पोस्ट के जरिए इस खबर की जानकारी दी. व्हाट्सएप ने ब्लॉग में बताया है कि वो इंडियन यूजर्स के लिए जल्द ही एक ऐसा फीचर लॉन्च करने की योजना बना रहा है जिसके बाद वीडियो या मैसेज एक तय सीमा के मुताबिक और लिमिटेड ग्रुप में ही फॉरवर्ड कर सकेंगे. (तस्वीर-फ्री गूगल इमेज)
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गौरतलब है कि पिछले कुछ समय में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं. इसके पीछे सोशल नेटवर्किंग साइट पर फैलाई जा रही अफवाहों को वजह माना गया है. यही कारण है कि व्हाट्सएप जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट को इस तरह का फैसला लेने के लिए सोचना पड़ा है. (तस्वीर-फ्री गूगल इमेज)
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देश में बढ़ती हिंसक घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए व्हाट्सएप अपने खास फीचर को टेस्ट कर रहा है. टेस्ट का सफल और उपयोगी परिणाम आने के बाद कंपनी यूजर्स के लिए मैसेज फॉर्वर्ड करने की सीमा तय कर सकती है. (तस्वीर-फ्री गूगल इमेज)
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अफवाहों की वजह से जारी हिंसा की कोशिश के बीच अब सोशल नेटवर्किंग साइट व्हाट्सएप नया कदम उठाने जा रहा है. दरअसल इस कदम का मकसद देश में अफवाहों की वजह से हो रही हिंसा और खास कर मॉब लिंचिंग की घटना पर लगाम लगाना है. व्हाट्सएप के नए नियम के मुताबिक अब यूजर्स एक दिन में पांच से ज्यादा ग्रुप में मैसेज फॉर्वर्ड नहीं कर सकेंगे. (तस्वीर-फ्री गूगल इमेज)