कारगिल दिवस: शुरू से आखिर तक जानें 'ऑपरेशन विजय' की कहानी
इसके बाद 29 जुलाई, 1999 में अधिकारिक तौर पर घोषणा की गई कि कारगिल की लड़ाई खत्म हो चुकी है. भारतीय सेना ने बताया कि सभी जगहों से घुसपैठियों को बाहर निकाल दिया गया है. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
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View In Appआखिर में 7 जुलाई, 1999 को बटालिक में जुबार की पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया. पाकिस्तान ने 11 जुलाई, 1999 को इससे हाथ खींच लिए. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
5 जुलाई, 1999 को भारतीय सेना ने द्रास सेक्टर पर एक बार फिर पाकिस्तान से कब्जा वापस हासिल कर लिया. जिसके बाद पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने उसी दिन एलान किया कि अब पाकिस्तानी सेना हथियार डालती है. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
इस लड़ाई में एक बार फिर पाकिस्तान सेना को पीछे हटाते हुए 29 जून, 1999 को भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर बनी दो चौकियों पर कब्जा कर लिया. यह चौकियां प्वाइंट 5060 और प्वाइंट 5100 पर थीं. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
फिर 4 जुलाई, 1999 को 11 घंटे की लड़ाई के बाद भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर फिर से कब्जा किया. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
इसके बाद 15 जून, 1999 को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कहा कि कारगिल से अपनी सेना हटा लें. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
इसके जवाब में 26 मई को भारतीय एयरफोर्स ने घुसपैठ पर एयर स्ट्राइक की. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
एक बार फिर 11 जून, 1999 में भारत ने बातचीत के बारे में बाताया जिसमें चीफ जनरल परवेज मुशरफ और चीफ ऑफ जनरल लेफ्टिनेंट अजीज खान शामिल थे. इस बात का भारत की ओर से सबूत भी दिखाया गया. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
पूर्व प्रधानमंत्री ने अटल बिहारी बाजपेयी ने 14 जुलाई, 1999 को दावा किया कि ऑपरेशन विजय की कामयाबी हुई. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
13 जून, 1999 में भारतीय सेना ने द्रास सेक्टर में पाकिस्तान सेना को पराजित कर कब्जा कर लिया. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
इसके बाद भी 9 जून, 1999 को पाकिस्तान के मानने पर भारत ने बटालिक सेक्टर की दो चौकियों को पाकिस्तानियों से छुड़ा लिया. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
पाकिस्तान अपनी हरकतों से नहीं बाज आया उसने फिर से 1 जून, 1999 में बम से एनएच 1 ए हाईवे पर धमाका किया. भारत ने आखिरकार 5 जून, 1999 को दस्तावेज जारी कर बताया कि इन हमलों के पीछे पाकिस्तान का हाथ था. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
इसके बाद 28 मई, 1999 को पाकिस्तान के द्वारा एयरफोर्स के एमआई 17 को मार गिरा दिया. इसमें भारतीय सेना के चार क्रू सदस्य भी मारे गए. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
इसमें भारत ने अपने वीर जवान नचिकेता को खो दिया. साथ ही इसमें दो एमआईजी-21 और एमआईजी-27 लड़ाकू विमान को भी निशाना बनाया गया. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
इस घटना के बाद एक बार फिर पाकिस्तानी सैनिकों ने 9 मई, 1999 को गोला बारुद से हमला किया और बॉर्डर पर बनी चौकियों को नुकसान पहुंचाया. भारत की ओर से काकसर, द्रास, मुशकोह सेक्टर्स में पहली बार घुसपैठ के बारे में पता चला. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
फिर 5 मई, 1999 को भारतीय सेना के पांच जवान चरवाहों द्वारा बताई हुई जगह काकसर सेक्टर पर पेट्रोलिंग के लिए गए. यहां पाकस्तानियों ने उनके साथ बर्बता की और फिर उन्हें मार दिया. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
कारगिल दिवस को याद करते हुए आज हम उस लड़ाई को बताने जा रहे हैं जिसमें देश के सैनिकों ने पाकिस्तान को पराजित किया था. यह बात साल 3 मई, 1999 की है जब वहां रह रहे चरवाहों ने बताया था कि कुछ पाकिस्तानी घुसपैठ कर रहे थे. तस्वीर: गूगल फ्री इमेज
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