25,000,000 आत्मघाती हमलावरों वाले नॉर्थ कोरिया की US से रंजिश का भूत, वर्तमान और भविष्य
लगातार परमाणु परीक्षण कर रहे उत्तर कोरिया ने बीते एक पखवाड़े से भी कम समय में ऐसी दो मिसाइलें दागी हैं जो जापान को छूकर निकली हैं. देश लगातार अमेरिका को धमकी देता रहा है और हालिय बमों का धौंस दिखते हुए कहा है कि अमेरिका के बड़े शहरों को पूरी तरह सपाट कर देगा. बताते चलें कि भारत दौरे पर आए शिंजो अबे ने पीएम मोदी के साथ मिलकर किम के परमाणु कार्यक्रम की आलोचना की, जिससे भारत भी इस विवाद में सांझा हो जाता है. इस ऐतिहासिक घटनाक्रम में चीन और रूस जैसे शक्तिशाली देश पहले से शामिल हैं. ऐसे में इस सनकी तानाशाह, किम का एक गलत कदम दुनिया को तीसरे विश्वयुद्ध में झोंक सकता है.
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View In Appदेश की 2.5 करोड़ की आबादी जंग के लिए कितनी बेताब है. वो किस तरह मचल रही है. किस तरह सम्मोहित है. ये आपको उत्तर कोरिया का ये नागरिक बताएगा. इसका नाम किम युन ही है. ये अचानक हुए छठे परमाणु परीक्षण की खबर से खुद को शक्तिशाली महसूस करने लगा. उसका कहना है कि वो इससे मजबूत महसूस कर रहा है. वो आगे कहता है कि अब उनका दुश्मन (अमेरिका) उत्तर कोरिया पर आंख नहीं उठाएगा. उन्हें सबकुछ मिल गया. वे जब चाहें तब अपने दुश्मन पर हमला कर सकेंगे.
लेकिन यहां एक सवाल उठता है. वो ये कि अमेरिका ने जापान में भी तबाही मचाई थी. लेकिन आज उनके बीच दोस्ती है. तो फिर उत्तर कोरिया और अमेरिका अपनी इन कड़वी यादों को भुला क्यों नहीं सके. ये सवाल जब रक्षा जानकार पी के सहगल से पूछा गया तो उन्होंने इस सवाल का जवाब में कहा कि अमेरिका और उत्तर कोरिया में अब भी जंग का जारी रहने का कारण ये है कि युद्ध में हुई तबाही के लिए उत्तर कोरिया के लोगों ने अमेरिका को अबतक माफ नहीं किया है. इसी वजह से दोनों देश आज तक ये दुश्मनी नहीं भूले हैं.
बताते चलें की किम दुनिया को ये तक बता चुका है कि वो उत्तर कोरिया का अगला भगवान है. अपने पिता की अंतिम यात्रा के समय किम की उम्र महज 26 साल थी. दुनिया को लगा कि किम अपने पिता की जगह नहीं ले पाएगा, क्योंकि इस अंतिम यात्रा में शामिल टॉप जनरल उसे ऐसा नहीं करने देंगे. असुरक्षा और भय के इस दौर में किम इन दोनों को ही अपना हथियार बना लिया. सबसे पहले उसने वरिष्ठ जनरलों को हटाकर अपने लोग बैठाकर सेना पर अपनी पकड़ मजबूत की और उसके बाद अपने अंकल को अपना अगला शिकार बनाया.
कोरियाई युद्ध 1950 से 1953 के बीच चला जिसकी शुरुआत दक्षिण कोरिया पर उत्तरी कोरिया के हमले से हुई. इसमें अमेरिका ने दक्षिण कोरिया का साथ दिया. 3 सालों में अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर 635,000 टन बम गिराए. इसमें उत्तर कोरिया के 282,000 लोग मारे गए. तब ये उत्तर कोरिया की 20% आबादी थी. उत्तर कोरिया के सरकारी आंकड़े कहते हैं कि इस युद्ध में 5000 स्कूल, 1000 हॉस्पिटल और 6 लाख घर तहस-नहस हो गए थे.
लेकिन यहां एक सवाल उठता है. वो ये कि अमेरिका ने जापान में भी तबाही मचाई थी. लेकिन आज उनके बीच दोस्ती है. तो फिर उत्तर कोरिया और अमेरिका अपनी इन कड़वी यादों को भुला क्यों नहीं सके. ये सवाल जब रक्षा जानकार पी के सहगल से पूछा गया तो उन्होंने इस सवाल का जवाब में कहा कि अमेरिका और उत्तर कोरिया में अब भी जंग का जारी रहने का कारण ये है कि युद्ध में हुई तबाही के लिए उत्तर कोरिया के लोगों ने अमेरिका को अबतक माफ नहीं किया है. इसी वजह से दोनों देश आज तक ये दुश्मनी नहीं भूले हैं.
अमेरिका ने उत्तर कोरिया में कितनी भयानक तबाही मचाई थी. इसका अंदाजा उस वक्त के अमेरिकी विदेश मंत्री डेयान रस्क के बयान से पता चलता है. इसमें उन्होंने कबूला था कि उनकी वायुसेना ने उत्तर कोरिया की हर हिलती हुई चीज़ पर बमबारी की थी. अमेरिकी हमले ने उत्तर कोरिया को एक अंडरग्राउंड मुल्क में तब्दील कर दिया. युद्ध और आसमान से बरसती आग ने किम के देश को बंकर में ऐसा बंद किया कि उसका दुनिया से संपर्क हमेशा-हमेशा के लिए कट गया.
दुनिया से अलग होकर भी, दुनिया से दुश्मनी मोल लेकर भी उत्तर कोरिया में किम भगवान बना हुआ है. पूरे देश पर जंग की सनक सवार है. ये उत्तर कोरिया की सबसे ताजा तस्वीरें हैं. जहां आम जनता ने बुधवार को छठे परमाणु परीक्षण का जश्न मनाया. राजधानी प्योंगयांग की सड़कों के किनारे पर लोग चेहरे पर मुस्कान लेकर झंडा हिलाते दिखे. ख़बरें है कि देश अब परमाणु और हाईड्रोजन बम सपन्न है.
ये किम का जादू ही है कि 32 हज़ार करोड़ की दौलत जुटाने पर भी उसके खिलाफ विद्रोह नहीं होता, जबकि उत्तर कोरिया में 1 करोड़ 20 लाख से अधिक गरीब हैं. किम महंगी गाड़ियों में घूमता है जबकि उसके 41 फीसदी लोग भरपेट खाना नहीं मिलने पर भी उसे अपना सबकुछ मानते हैं. वो निजी टापू में ऐश करता है वो भी तब जब उत्तर कोरिया GDP के आधार पर सबसे गरीब 193 देशों की सूची में 180वें नंबर पर है.
अब सवाल ये है कि उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच इस जानी दुश्मनी की वजह क्या है? उत्तर कोरिया अमेरिका से इतनी नफरत क्यों करता है? उत्तर कोरिया हर वक्त जंग की तैयारी क्यों करता रहता है? किम जोंग उन में ऐसा क्या है, जिससे वो उत्तर कोरिया अपनी मुट्ठी में रखता है और जब किम इतना क्रूर है तो वहां की जनता उसे इतना प्यार क्यों करती है? दरअसल, अमेरिका और उत्तर कोरिया में रंजिश की कहानी 67 साल बीत जाने के बावजूद उत्तर कोरिया के हर नागरिक के दिल में ये आग दहक रही है, जिसे अमेरिका ने लगाया था. यही बाद में अमरीका से उत्तर कोरिया की रंजिश का आधार बन गई.
उत्तर कोरिया के तानाशाह की ये तस्वीरें देखने वालों को संभव है कि वो एक खुशमिजाज़ इंसान लगे. किम एक ऐसा नौजवान लगता है, जिसे अपने काम में मजा आ रहा है. हर तस्वीर में वो उत्तर कोरिया के लिए दिन-रात मेहनत करता हुआ दिखता है. वो चाहे गरीबों के लिए नए घर बनाना हो, सरकारी फैक्ट्री में जाकर बिस्कुट चखना हो या फिर देश को ये बताना हो कि कैसी हेयर स्टाइल रखनी चाहिए.
चांग सोंग-थाएक और रक्षा मंत्री ह्योन योंग-चोल की अचानक हत्या करके उसने पूरे उत्तर कोरिया को भय में डुबो दिया. सबको लगने लगा कि अगला नंबर उनका हो सकता है. किम ने इस तरह ढाई करोड़ लोगों को रोबोट में बदल दिया. ये आपको उत्तर कोरिया की ये ताजा तस्वीरें बताएंगी. परमाणु विस्फोट के जश्न में किम तो नहीं आया लेकिन वहां मौजूद लोग रोबोट की तरह दिखे.
नाम- किम जोंग उन, पिता का नाम किम जोंग इल, दादा का नाम किम इल सुंग. ये उस परिवार के लोगों का नाम है, जो उत्तर कोरिया के विधाता हैं. जो काम किम इल सुंग ने शुरू किया उसे उनका पोता बखूबी अंजाम दे रहा है. किम परिवार की 70 साल की मेहनत, ताकत, भय और प्रोपगैंडा से उत्तर कोरिया रोबोट्स के देश में तब्दील हो गया है. इसलिए किम जो कहता है, देश के ढाई करोड़ लोग तुरंत करने लगते हैं. आगे पढ़िए, ढाई करोड़ लोगों को रोबोट बनाने वाले तानाशाह की कहानी-
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