जानें, क्यों पड़ा इस मशहूर टीवी सीरियल का नाम 'तारक मेहता का उल्टा'?
तारक मेहता का उल्टा चश्मा शुरुआत से आजतक लोकप्रियता के शिखर पर बना हुआ है. आपको बता दें कि तारक मेहता के कॉलम के आधार पर ही इस सीरियल की कहानी आगे बढ़ती रही है.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appअब चाहे आईपीएल का सीजन आ जाए या फिर बिग बी का कोई बड़ा शो, ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ दर्शकों के बीच अपनी पकड़ बनाए रखने में कामयाब हुआ है. इसके पात्र लोगों को गुदगुदाते रहे हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि तारक मेहता आखिरी समय तक इसके प्लॉट और कथानक को बेहतर करने में रुचि लेते रहे थे.
इस सीरियल की शुरुआत भी अजीब संयोग में हुई. 1995 के करीब तारक मेहता का मुंबई से वापस अहमदाबाद आना हुआ था. 1997 के आसपास गुजरात फिल्मों और सीरियल के निर्माण से जुड़े प्रोड्यूसर आसीत मोदी ने तारक मेहता से मुलाकात की और उनके कॉलम पर टीवी सीरियल बनाने का विचार रखा. इसके बाद आसीत मोदी और तारक मेहता के बीच दो साल तक बातचीत होती रही और फिर तारक मेहता इसके लिए तैयार हुए.
दरअसल मेहता के मन में दुविधा ये भी थी कि उनके एक खास मित्र महेशभाई वकील, जो सूरत में रहते थे, उन्होंने भी तारक महेता के कॉलम को आधार बनाकर एक सीरियल की योजना पर काम कर रहे थे और एक-दो एपिसोड तैयार भी कर लिये थे. लेकिन महेशभाई को आसीत मोदी की बात ज्यादा जमी और आखिरकार तारक महेता का उल्टा चश्मा सीरियल की शुरुआत हुई.
इस सीरियल का नाम तारक मेहता का उल्टा चश्मा इसलिए पड़ा क्योंकि तारक मेहता देश और समाज में होने वाली तमाम घटनाओं को अनूठे अंदाज में देखते थे. इसलिए सीधे चश्मे की जगह से देखने की जगह उल्टे चश्मे वाला शब्द प्रयोग इस्तेमाल किया और शुरुआत हुई दुनिया ना उंधा चश्मा की, जिसका अर्थ होता है दुनिया का उल्टा चश्मा.
सब टीवी के सीरियल ‘तारक महेता का उल्टा चश्मा’ की शुरुआत 2009 में हुई थी. तब से ये सीरियल लगातार जारी है और 2200 से ज्यादा एपिसोड इसके अभी तक टेलीकास्ट हो चुके हैं. इस सीरियल के पात्र, चाहे वो ‘जेठालाल’ हो, ‘दया’ हो, ‘टप्पू’ हो या फिर उसके दादा ‘चंपक लाल’ हों या फिर पत्रकार ‘पोपटलाल’, सबकी जुबान पर चढ़ गये हैं.
जो शख्स अपने हास्य लेखन के जरिये पहले गुजरातियों को और फिर पूरे देश को हंसाता रहा, वो जिंदादिल इंसान अब इस दुनिया में नहीं रहा. प्रसिद्ध साहित्यकार तारक मेहता का आज सुबह अहमदाबाद में निधन हो गया. आपको बता दें कि गुजरात में इन्हें तारक महेता कहा जाता है लेकिन हिंदीभाषियों में में वो तारक मेहता के नाम से लोकप्रिय थे. तारक मेहता को देशभर में मुख्य प्रसिद्धी मशहूर टीवी सीरियल 'तारक मेहता का उल्टा' के कारण मिली. आगे की स्लाइड्स में जानें आखिर इस सीरियल का नाम तारक मेहता का उल्टा चश्मा ही क्यों पड़ा और इस सीरियल के किरदारों से जुड़ी हुई मुख्य बातें..
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -