आपकी स्किन से नहीं लगेगा उम्र का पता, बस इतने घंटे सोने की डाल लें आदत
साल 2011 से 2015 तक चार सालों की अवधि में 3,300 से अधिक प्रतिभागियों की नींद के पैटर्न की सावधानीपूर्वक निगरानी की गई. जिसमें उनकी रात की दिनचर्या और स्थिरता में बदलाव दर्ज किए गए.
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View In Appडेटा का विश्लेषण चीन में वेनझोउ मेडिकल यूनिवर्सिटी के विद्वानों द्वारा किया गया था. शोधकर्ताओं ने पाया कि जो व्यक्ति कम से कम सात घंटे की नींद लेते हैं, वे उम्र बढ़ने के साथ स्वस्थ जीवन का आनंद लेते हैं.
सफल उम्र बढ़ने का मूल्यांकन 2020 में किया गया था और इसे प्रमुख पुरानी बीमारियों से मुक्त होना. कोई शारीरिक दुर्बलता नहीं होना, उच्च संज्ञानात्मक कार्य, अच्छा मानसिक स्वास्थ्य और जीवन के साथ सक्रिय जुड़ाव के रूप में परिभाषित किया गया था.
13.8% प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक उम्र बढ़ने वाला माना गया. इनमें से लगभग दो-तिहाई लगातार हर रात सात घंटे से अधिक की नींद ले रहे थे.
उनके सोने के शेड्यूल के आधार पर प्रतिभागियों को पांच ग्रुप के भागों में विभाजित किया गया. लंबे समय तक स्थिर, सामान्य रूप से स्थिर, घटते हुए, बढ़ते हुए और छोटे समय तक स्थिर.लंबे और सामान्य रूप से स्थिर समूहों में सफल बुढ़ापे की संभावना अधिक पाई गई. आराम की अवधि के अनियमित पैटर्न वाले लोगों ने आयु परीक्षण में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं किया.
नींद के प्रभाव की पहेली यहीं खत्म नहीं होती. निष्कर्षों से यह भी पता चला कि लगातार विस्तारित नींद शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कई चिंताओं के खिलाफ लड़ाई में योगदान देती है.हालांकि यह रिसर्च चीन में किया गया था, जो वैश्विक स्तर पर सबसे तेज़ी से बूढ़ी होती आबादी में से एक है, लेकिन निष्कर्षों का सार्वभौमिक अनुप्रयोग है.
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