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अपने होंठों को ग्लोइंग और खूबसूरत बनाने के लिए इस तरीके से करें मलाई का इस्तेमाल
मलाई में एक्सफोलिएंट होते हैं जो होठों पर जमी मृत त्वचा को हटाने में मदद करता है. होंठों को हल्का करने के लिए इसका इस्तेमाल कैसे करें.

दूध में पाई जाने वाली लैक्टिक एसिड अपने एक्सफ़ोलीएटिंग गुणों के लिए जाना जाने वाला है. लैक्टिक एसिड धीरे-धीरे मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाता है, जिससे होंठ चमकदार और मुलायम दिखते हैं.
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मलाई में लैक्टिक एसिड होता है, जो हाइपरपिग्मेंटेशन के उपचार में अत्यधिक प्रभावी है. नियमित रूप से लगाने से मृत त्वचा कोशिकाओं को धीरे-धीरे एक्सफोलिएट करके और मेलेनिन उत्पादन को कम करके त्वचा की बनावट को बेहतर बनाने में मदद मिलती है.
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मलाई लगाने से होंठ चमकीले और चिकने दिखाई देते हैं. शोध से पता चलता है कि लैक्टिक एसिड का नियमित उपयोग त्वचा की बनावट में सुधार करता है और मेलेनिन उत्पादन को कम करता है. जिससे यह होंठों को चमकाने के लिए प्रभावी होता है.
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मलाई में नैचुरल एमोलिएंट के रूप में कार्य करती है. होंठों को गहराई से मॉइस्चराइज़ करती है और नमी बनाए रखने की उनकी क्षमता को बढ़ाती है. यह इसे फटे, सूखे और काले हो चुके होंठों के लिए एक बेहतरीन उपाय बनाता है. जिससे वे मुलायम और कोमल हो जाते हैं.
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शोध से पता चलता है कि मलाई, अपनी उच्च लिपिड सामग्री के कारण, त्वचा की नमी बनाए रखने की क्षमता को बढ़ाती है, जिससे यह फटे और काले हो चुके होंठों के लिए एक बेहतरीन उपाय बन जाती है.
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मलाई में मौजूद डेयरी वसा रेटिनॉल और टोकोफ़ेरॉल जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ती है और क्षतिग्रस्त त्वचा की मरम्मत करती है. ये पोषक तत्व समय के साथ पिगमेंटेशन को हल्का करने और आपके होठों की प्राकृतिक सुंदरता को बहाल करने में मदद करते हैं.
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नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, डेयरी वसा में रेटिनॉल और टोकोफेरॉल जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ते हैं और पिगमेंटेशन को कम करते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट समय के साथ क्षतिग्रस्त होंठों की त्वचा की मरम्मत में मदद करते हैं.
Published at : 17 Mar 2025 06:29 PM (IST)
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