मुंबई की 60 साल पुरानी गुजराती स्नैक शॉप है मुकेश अंबानी और एमएफ हुसैन की पहली पसंद
मुंबई की चहल-पहल भरी गलियों में 60 साल पुरानी गुजराती स्नैक्स की दुकान छिपी हुई है. जो मुकेश अंबानी और दिवंगत एम.एफ. हुसैन जैसे दिग्गजों की पसंदीदा है. अपने प्रामाणिक स्वाद और कालातीत व्यंजनों के लिए मशहूर यह साधारण भोजनालय एक पसंदीदा स्थल बन गया है. पारंपरिक स्नैक्स पेश करने वाले ये स्नैक्स पुरानी यादों को उत्कृष्टता के साथ मिलाते हैं. यह उन लोगों के लिए ज़रूर जाना चाहिए जो गुजरात के अविस्मरणीय स्वाद की तलाश में हैं.
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View In Appमुंबई के ऐतिहासिक ताड़देव इलाके की जीवंत अस्त-व्यस्त गलियों में 110 वर्ग फुट का एक छोटा सा भोजनालय 1963 में खुला, जिसने शहर के लजीज परिदृश्य को हमेशा के लिए बदल दिया. स्वाति स्नैक्स, मीनाक्षी झावेरी द्वारा स्थापित एक पाक रत्न, एक अकेली मां की दृढ़ भावना से उभरा, जो अपने बच्चों के लिए भोजन उपलब्ध कराना चाहती थी और एक ऐसी विरासत बनाना चाहती थी जो पीढ़ियों तक चलती रहे.
चार टेबल और चार आइटम वाली एक छोटी सी चाट की दुकान के रूप में शुरू हुआ - सभी की कीमत चार आना थी - एक मल्टी-आउटलेट रेस्तरां श्रृंखला में बदल गया है जिसका मासिक कारोबार ₹4 करोड़ को छू रहा है. स्वाति स्नैक्स की स्थायी सफलता का रहस्य? घर के बने स्वाद, अटूट गुणवत्ता और परिवार द्वारा संचालित दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्धता जो हर ग्राहक को एक प्रिय अतिथि की तरह मानता है.
रेस्तरां की प्रतिष्ठा ने संरक्षकों की एक प्रभावशाली श्रृंखला को आकर्षित किया है. एशिया के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी ने घोषणा की कि उनके परिवार की तीन पीढ़ियां हर हफ्ते स्वाति स्नैक्स से ऑर्डर किए बिना नहीं रह सकतीं. महान कलाकार एम.एफ. हुसैन हर रविवार की शाम को सेव-पूरी खाने के लिए आते थे, जबकि तबला वादक जाकिर हुसैन उनकी दही-बटाटा पूरियां खाने के लिए जाने जाते थे.गुजराती व्यंजनों पर आधारित स्वाति स्नैक्स एक विविधतापूर्ण मेनू प्रदान करता है जो पारंपरिक अपेक्षाओं से परे है. उनका सिग्नेचर डिश, पनकी - केले के पत्ते में भाप से पका हुआ एक नाज़ुक चावल का पैनकेक - 2000 में पेश किया गया था और अब यह प्रतिदिन लगभग 600 प्लेट बेचता है. रेस्तरां में पुदीना पनकी, सुवा (डिल) पनकी और पनकी उत्तपम जैसे संस्करण हैं.
पीढ़ियों से चला आ रहा यह रेस्टोरेंट मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा संचालित उद्यम रहा है. 1979 में मीनाक्षी झावेरी के निधन के बाद उनकी बेटी आशा ने इसे संभाला और खाना बनाना न जानने के बावजूद कारोबार को बदल दिया. 2000 में रेस्टोरेंट को आधुनिक रूप दिया गया, जिसमें चमकीले पीले रंग की प्लेटें और खुली रसोई शामिल की गई. जबकि इसका मूल सार बरकरार रखा गया.
स्वाति स्नैक्स ने उल्लेखनीय पहचान अर्जित की है. इसे एशिया के 50 सर्वश्रेष्ठ रेस्टोरेंट द्वारा एसेंस ऑफ़ एशिया संग्रह में शामिल किया गया है. रविंदर भोगल और प्रतीक साधु जैसे मिशेलिन-स्टार शेफ ने रेस्टोरेंट की प्रशंसा की है. और हाल ही में जब एप्पल के सीईओ टिम कुक को स्टोर में वड़ा पाव का आनंद लेते हुए फोटो खिंचवाते हुए देखा गया, तो इसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया.
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