दुनिया में तेजी से फैल रही ये गंभीर बीमारी, साल 2050 तक 4 करोड़ लोगों की जा सकती है जान!
सोमवार को द लैंसेट में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2050 के बीच एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी संक्रमणों से 39 मिलियन से अधिक लोग मर सकते हैं. रिसर्च के लेखकों ने 2022 से 2050 तक रोगाणुरोधी प्रतिरोध के कारण होने वाली मौतों में लगभग 70 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है.
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View In Appजिसमें सबसे अधिक जोखिम वृद्ध लोगों का है और इससे मृत्यु दर में वृद्धि होगी. ऐसा प्रतिरोध, जिसे AMR के रूप में भी जाना जाता है. तब होता है जब बैक्टीरिया और कवक जैसे सूक्ष्मजीव इस तरह से विकसित होते हैं कि उन्हें मौजूदा दवाओं से मारना कठिन हो जाता है.
शोधकर्ताओं ने दशकों से रोगाणुरोधी प्रतिरोध को सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता के रूप में चिह्नित किया है. लेकिन यह अध्ययन एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध परियोजना पर वैश्विक अनुसंधान के हिस्से के रूप में शोधकर्ताओं की एक बड़ी टीम द्वारा किया गया. दुनिया भर में और समय के साथ AMR रुझानों का विश्लेषण करने वाला पहला अध्ययन है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस तरह के रोगाणुरोधी प्रतिरोध के खतरे से न केवल सामान्य संक्रमणों का इलाज कठिन हो जाता है. बल्कि कीमोथेरेपी और सिजेरियन सेक्शन जैसे चिकित्सा हस्तक्षेप भी अधिक जोखिम भरे हो जाते हैं.
रिसर्च में 204 देशों के अस्पताल डिस्चार्ज रिकॉर्ड, बीमा दावों और मृत्यु प्रमाणपत्रों सहित 520 मिलियन डेटासेट देखे गए. सांख्यिकीय मॉडलिंग का उपयोग करते हुए.
लेखकों ने पाया कि 1990 और 2021 के बीच हर साल एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध से संबंधित दस लाख से अधिक मौतें हुईं. शोधकर्ताओं के अनुसार तब से एएमआर मौतें केवल बढ़ी हैं और आगे भी बढ़ेंगी.
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