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अब वॉल्व बदलने के लिए नहीं होगी किसी के भी दिल की चीर-फाड़, यह तकनीक देगी मरीजों को राहत
हार्ट के मरीजों के लिए गुड न्यूज. अब दिल में वॉल्व लगाने के लिए किसी भी तरह की चीर-फाड़ करने की जरूरत नहीं.

जब हार्ट के अंदर का वॉल्व बदलना होता था तो 5-6 घंटे की सर्जरी होती है. पूरी हार्ट का ऑपरेशन होता था. सिर्फ इतना ही नहीं मरीजों को कई दिनों तक हॉस्पिटल में एडमिट रहना पड़ता था.
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अब बिना चीर-फाड़ के वॉल्व रिप्लेसमेंट आसान हो गया है. हार्ट वॉल्व की बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए (TAVI) ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वॉल्व इम्प्लांटेशन उम्मीद की एक नई किरण की तरह सामने आई है.
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इसे ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट (TAVR) भी कहा जाता है. वॉल्व की पुरानी सर्जरी की तुलना में स्टेंट की तरह कैथेटर के जरिए वॉल्व रिप्लेसमेंट की सजर्री आसानी से की जा सकती है.
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हार्ट एक्सपर्ट के मुताबिक हर इंसान के हार्ट में 4 चैंबर होते हैं. उन सभी चारों चैंबर में ब्लड जाने के लिए वॉल्व खुलते हैं. और फिर जब ब्लड नहीं आती है तो बंद हो जाते हैं.
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जब वॉल्व खराब होने लगता है तो यह सब कठोर हो जाते हैं और ठीक से खुलता नहीं है. जिसके कारण मरीजों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसलिए वॉल्व की जगह नए वॉल्व लगाए जाते हैं.
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वॉल्व ठीक करने के लिए अब तक ओपन हार्ट सर्जरी करनी होती थी. लेकिन अब यह बिना ओपन हार्ट सर्जरी के बिना ठीक किया जा सकता है.
Published at : 12 Apr 2024 06:52 PM (IST)
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नयन कुमार झाराजनीतिक विश्लेषक
Opinion