कोविड के शिकार बने तो खुद का रखें खास ख्याल, अब इस बीमारी की चपेट में आ रहे बच्चे और जवान
JAMA नेटवर्क ओपन रिसर्च के मुताबिक सीजनल इन्फ्लूएंजा ब्रोंकाइटिस जैसी दूसरी सांस संबंधी बीमारियों से प्रभावित बच्चों की तुलना में कोरोना वायरस संक्रमण के लगभग छह महीने बाद बच्चों में मधुमेह का निदान होने की संभावना 50% अधिक थी.
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View In Appमोटे बच्चों के लिए यह संभावना और भी बढ़ गई. क्योंकि उनके साथियों की तुलना में उनके संक्रमित होने की संभावना 100% अधिक थी. शोधकर्ताओं ने जनवरी 2020 से दिसंबर 2022 तक 10 से 19 वर्ष की आयु के 60,000 से अधिक बच्चों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का इस्तेमाल किया - कोरोनावायरस को महामारी घोषित किए जाने से पहले
विषयों के रिकॉर्ड को दो समूहों में वर्गीकृत किया गया था. एक वे जो कोरोनावायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किए गए थे. और दूसरा वे जो अन्य सभी श्वसन संबंधी बीमारियों से संक्रमित थे. वहां से सकारात्मक मधुमेह निदान के साथ सभी सहसंबंधों को नोट किया गया और उनका अध्ययन किया गया.
कुछ स्वास्थ्य रिकॉर्ड बच्चों के लिए कोरोनावायरस के टीके उपलब्ध होने से पहले के थे. क्योंकि अक्टूबर 2021 तक 5 से 11 वर्ष की आयु के लोगों के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा शॉट्स को मंजूरी नहीं दी गई थी। शोध में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि विषयों को टीके मिले या नहीं.
फिलाडेल्फिया के चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल में मधुमेह केंद्र के निदेशक स्टीवन एम. विली ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि मधुमेह की शुरुआत महामारी लॉकडाउन के अन्य प्रभावों के कारण भी हो सकती है. जैसे शारीरिक गतिविधि में कमी या प्रतिरक्षा की कमी. विली इस अध्ययन में शामिल नहीं थे और उनका मानना है कि कोरोनावायरस और टाइप 2 मधुमेह के बीच निष्कर्षित सहसंबंधों पर अभी और जांच की आवश्यकता है.
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