पेशाब के रंग से पता चल जाता है लिवर कैंसर, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे इग्नोर?
पीलिया, भूख न लगना और बिना किसी कारण के वजन कम होना जैसे अन्य लक्षणों के साथ-साथ गहरे रंग का पेशाब भी लिवर कैंसर का लक्षण हो सकता है. हालांकि, लिवर कैंसर अक्सर अपने शुरुआती दिनों में किसी भी तरह के लक्षण पैदा नहीं करता है.
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View In Appपीलिया की बीमारी में त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला होने लगता है. यह पित्त नली में रुकावट या लिवर के खराब होने के कारण हो सकता है. पीलिया से पीड़ित लोगों का पेशब भी गहरे रंग का और मल हल्का हो सकता है, और उन्हें खुजली या बीमार महसूस हो सकता है.
कुछ दवाएं आपके पेशाब का रंग बदल सकती हैं.एमिट्रिप्टीलाइन, एक अवसाद की दवा, हरे-नीले रंग का पेशाब पैदा कर सकती है. सिमेटिडाइन (टैगामेट एचबी), एक अल्सर और एसिड रिफ्लक्स उपचार, हरे-नीले रंग का पेशाब पैदा कर सकता है.
ट्रायमटेरेन (डायरेनियम), एक पानी की गोली, हरे-नीले रंग का पेशाब पैदा कर सकती है.इंडोमेथेसिन (इंडोसिन, टिवोरबेक्स), एक दर्द और गठिया की दवा, हरे रंग का पेशाब पैदा कर सकती है.
प्रोपोफोल (डिप्रिवन), एक दवा जो सर्जरी से पहले लोगों को आराम करने में मदद करती है, हरे रंग का पेशाब पैदा कर सकती है. सेन्ना और फेनाज़ोपाइरीडीन, जुलाब, लाल-नारंगी रंग का पेशाब पैदा कर सकते हैं.
ज्यादा कमजोरी या हर समय थकान महसूस करना भी लिवर कैंसर का संकेत है. डॉक्टर बताते हैं बीमारी धीरे-धीरे बढ़ने पर पेट फूलना, पेट में पानी भरना जैसी चीजें भी महसूस होती हैं, जो लिवर कैंसर का लक्षण होते हैं.
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