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Study: पॉल्यूशन से हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर, महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक
वायु प्रदूषण की वजह से हर 9वें शख्स को कैंसर की बीमारी हो सकती है. दुनियाभर में ज्यादातर महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित हैं.
![वायु प्रदूषण की वजह से हर 9वें शख्स को कैंसर की बीमारी हो सकती है. दुनियाभर में ज्यादातर महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/10/27/2c66506a881e2e96c251940a07129b651698414558683593_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
हवा से अब बढ़ सकता है स्तन कैंसर का खतरा
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![वायु प्रदूषण की वजह से हर 9वें शख्स को कैंसर की बीमारी हो सकती है. दुनियाभर में ज्यादातर महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित हैं. वहीं दूसरी ओर इस बात के सबूत भी मिले हैं कि महिलाओं में जितनी तेजी से ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी फैल रही है उसका एक कारण एयर पॉल्यूशन भी हो सकता है. एयर पॉल्यूशन ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी का जोखिम तो बढ़ाता ही है साथ ही पार्टिकुलेट मैटर पीएम 2.5 और पीएम 10 जो समय से पहले दिल का दौरा और स्ट्रोक मौत का कारण बन सकता है. 'अमेरिका और फ्रांस' में हुए दो इंटरनेशनल रिसर्च से पता चला है कि घर के अंदर और बाहर पार्टिकुलेट मैटर के कॉन्टैक्ट में आने से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/10/27/8b2de97031f581d2e86b9b3c33e0875b67e52.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वायु प्रदूषण की वजह से हर 9वें शख्स को कैंसर की बीमारी हो सकती है. दुनियाभर में ज्यादातर महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित हैं. वहीं दूसरी ओर इस बात के सबूत भी मिले हैं कि महिलाओं में जितनी तेजी से ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी फैल रही है उसका एक कारण एयर पॉल्यूशन भी हो सकता है. एयर पॉल्यूशन ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी का जोखिम तो बढ़ाता ही है साथ ही पार्टिकुलेट मैटर पीएम 2.5 और पीएम 10 जो समय से पहले दिल का दौरा और स्ट्रोक मौत का कारण बन सकता है. 'अमेरिका और फ्रांस' में हुए दो इंटरनेशनल रिसर्च से पता चला है कि घर के अंदर और बाहर पार्टिकुलेट मैटर के कॉन्टैक्ट में आने से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ता है.
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![ऐसे कई रिसर्च सामने हैं जिसमें साफतौर पर माना गया कि पीएम 2.5, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और कुछ कार्बनिक गैसों के कारण वातावरण में कई तरह के केमिकल रिएक्शन हो रहे हैं. जो बीमारी और समय से पहले मौत का कारण बन रहे हैं. खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले से दिल या फेफड़ों की बीमारियां हैं. यह गंदी और टॉक्सिक हवा फेफड़ों के फंक्शन को भी काफी हद तक प्रभावित करता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/10/27/92a362efbb40f13b170251fb4f966a041f337.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ऐसे कई रिसर्च सामने हैं जिसमें साफतौर पर माना गया कि पीएम 2.5, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और कुछ कार्बनिक गैसों के कारण वातावरण में कई तरह के केमिकल रिएक्शन हो रहे हैं. जो बीमारी और समय से पहले मौत का कारण बन रहे हैं. खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले से दिल या फेफड़ों की बीमारियां हैं. यह गंदी और टॉक्सिक हवा फेफड़ों के फंक्शन को भी काफी हद तक प्रभावित करता है.
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![हालांकि, रिसर्च में यह बात साफ किया गया है कि वायु प्रदूषण और ब्रेस्ट कैंसर के बीच क्या कनेक्शन है उसपर पर हमें और रिसर्च करना होगा. रिसर्च ने इस बात पर भी सहमति जताई है कि आने वाले समय वायु प्रदूषण किस तरह से ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है. इस पर हमें ज्यादा से ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/10/27/0e346759de9695d0ecd61aea25fc02f086d7a.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
हालांकि, रिसर्च में यह बात साफ किया गया है कि वायु प्रदूषण और ब्रेस्ट कैंसर के बीच क्या कनेक्शन है उसपर पर हमें और रिसर्च करना होगा. रिसर्च ने इस बात पर भी सहमति जताई है कि आने वाले समय वायु प्रदूषण किस तरह से ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है. इस पर हमें ज्यादा से ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत है.
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!['नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट'के जर्नल में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक उन लोगों में 8 प्रतिशत कैंसर का जोखिम बढ़ा है. जो 2.5 हाई पीएम वाले क्षेत्र में रह रहे हैं. रिसर्च में यह भी खुलासा हुआ है कि 20 साल के रिसर्च में 5 लाख महिलाओं और पुरुषों पर यह रिसर्च किया गया. जिसमें पाया कि 15 हजार 870 मामले ब्रेस्ट कैंसर के पाए गए.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/10/27/654e07f36bcc26f534d68d0cd16877caff538.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
'नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट'के जर्नल में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक उन लोगों में 8 प्रतिशत कैंसर का जोखिम बढ़ा है. जो 2.5 हाई पीएम वाले क्षेत्र में रह रहे हैं. रिसर्च में यह भी खुलासा हुआ है कि 20 साल के रिसर्च में 5 लाख महिलाओं और पुरुषों पर यह रिसर्च किया गया. जिसमें पाया कि 15 हजार 870 मामले ब्रेस्ट कैंसर के पाए गए.
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![रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 1965 और 1985 के बीच स्तन कैंसर की घटनाओं में 50% की वृद्धि हुई. भारत में 2020 के ग्लोबोकैन डेटा के अनुसार, स्तन कैंसर सभी कैंसर के मामलों में 13.5% और 10.6% था. सभी मौतें. अध्ययनों का अनुमान है कि वर्ष 2030 तक स्तन कैंसर का ग्लोबल डेटा लगभग 20 लाख से अधिक होने की उम्मीद है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/10/27/ea3223a88b2c6cc50c275171ca30c3fbc1111.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 1965 और 1985 के बीच स्तन कैंसर की घटनाओं में 50% की वृद्धि हुई. भारत में 2020 के ग्लोबोकैन डेटा के अनुसार, स्तन कैंसर सभी कैंसर के मामलों में 13.5% और 10.6% था. सभी मौतें. अध्ययनों का अनुमान है कि वर्ष 2030 तक स्तन कैंसर का ग्लोबल डेटा लगभग 20 लाख से अधिक होने की उम्मीद है.
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![अलग-अलग लोगों में ब्रेस्ट कैंसर के अलग-अलग लक्षण होते हैं. कुछ लोगों में शुरुआती लक्षण बिल्कुल भी दिखाई नहीं देते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/10/27/7dcbc994c311a4824aea00ed2dad48d251cc7.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अलग-अलग लोगों में ब्रेस्ट कैंसर के अलग-अलग लक्षण होते हैं. कुछ लोगों में शुरुआती लक्षण बिल्कुल भी दिखाई नहीं देते हैं.
Published at : 27 Oct 2023 07:27 PM (IST)
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