क्या अब भी पैदा होने वाले बच्चों पर लगानी चाहिए कोरोना की वैक्सीन? जान लीजिए जवाब
6 महीने से कम उम्र वाले बच्चे को कोविड वैक्सीन की अनुमति नहीं दी गई है. 6 महीने से कम उम्र के शिशु कोविड वैक्सीन के लिए पात्र नहीं हैं और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अपरिपक्व होती है. जिससे संक्रमित होने पर उन्हें ज़्यादा जोखिम होता है. जीवन के पहले कुछ महीनों में सुरक्षा की परतें मदद करती हैं.
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View In App6 महीने या उससे अधिक उम्र के शिशुओं को कोविड-19 का नया टीका लगवाने की सलाह दी जाती है. भले ही वे उन लोगों से पैदा हुए हों जिन्हें गर्भावस्था से पहले या उसके दौरान टीका लगाया गया था या जिन्हें कोविड-19 हुआ था.
वैक्सीन लगवाने से आपके बच्चे को कोविड-19 का संक्रमण नहीं हो सकता. अगर आपको गर्भावस्था के दौरान टीका लगाया गया था. तो कोविड-19 के खिलाफ एंटीबॉडी आपके पहले स्तन के दूध या कोलोस्ट्रम में जा सकती हैं .इससे आपके बच्चे को वायरस से कुछ सुरक्षा मिल सकती है.
जन्म लेने के बाद बच्चों को डिप्थीरिया, हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआईबी), हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी वायरस, मानव पेपिलोमावायरस, इन्फ्लूएंजा, खसरा, कण्ठमाला, निसेरिया मेनिंगिटिडिस, पर्टुसिस, पोलियो, रोटावायरस, रूबेला, स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया, टेटनस और वैरिसेला के खिलाफ टीका लगाया जाना चाहिए.
वयस्कों और बच्चों में COVID-19 वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिनमें इंजेक्शन स्थल पर दर्द, लालिमा या सूजन, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, बुखार और मतली शामिल हैं.
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