क्या बदलते मौसम का है जोड़ों के दर्द से कोई संबंध, बारिश में क्यों बढ़ जाती है समस्या, जानें क्या कहती है स्टडी
कई बार बारिश होने के बाद सुबह उठने पर बदन दर्द होता है, जो काफी परेशान करता है. इस दर्द से वॉक करना या जिम जाने का मन नहीं करता है. कई लोगों को ठंड या मानसून में जोड़ों का दर्द परेशान करता है. बहुत से लोगों का मानना भी यही है कि इन दोनों मौसम में जॉइंट पेन बढ़ जाता है लेकिन क्या सच में जोड़ों का दर्द, बदन दर्द का कारण मौसम में बदलाव है. आइए जानते हैं सच...
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View In Appहेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मौसम में बदलाव का असर सेहत पर अलग-अलग तरह से पड़ सकता है. ठंडा मौसम अस्थमा को बढ़ा सकता है. गर्मी में दिल की समस्याएं बढ़ सकती हैं. यही कारण है कि कई लोग मानते हैं कि मौसम में बदलाव जोड़ों या मांसपेशियों के दर्द को बढ़ा सकता है.
घुटने, कूल्हे या हाथ के ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याएं ठंड या बारिश में परेशान करती है. हालांकि, स्टडी से पता चलता है कि मौसम में बदलाव जैसे तापमान या ह्यूमिडिटी का जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द से कोई संबंध नहीं है.
दर्द और मौसम के बीच क्या संबंध है, इसे लेकर ज्यादा स्टडी नहीं हुई है. जो भी रिसर्च मौजूद हैं, उनमें ज्यादा जानकारी भी नहीं है. हालांकि, एक स्टडी इससे इनकार करती है. एक स्टडी में दुनियाभर के 15 हजार से ज्यादा लोगों का डेटा देखने के बाद पता चला कि इन सभी ने 28 हजार से ज्यादा बार दर्द की जानकारी दी है.
इनमें से ज्यादातर को पीठ दर्द, घुटने या कूल्हे का ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या थी. इनमें रुमेटीइड गठिया और गाउट वाले लोग भी थे.
इस स्टडी में तापमान, ह्यूमिडिटी, एयर प्रेशर या बारिश में बदलाव का घुटने, कूल्हे या पीठ के निचले हिस्से में दर्द का कोई संबंध नहीं है. इसका मतलब ज्यादातर लोगों को मौसम के बदलाव से बदन दर्द का समस्या नहीं होता है.
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