एक दवा छीन सकती है आंखों की रोशनी, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे इस्तेमाल

अगर आप भी स्टेरॉयर इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि यह आपको अंधा बना सकता है. एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि स्टेरॉयड या इससे युक्त स्किन क्रीम, स्प्रे या इन्हेलर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आंखों को नुकसान पहुंच सकता है.
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लगातार 6 हफ्ते से ज्यादा स्टेरॉयड लेने से आंखों की रोशनी जाने का खतरा हो सकता है. आइए जानते हैं आखिर यह क्यों इतना खतरनाक है और इसे लेकर क्या चेतावनी दी गई है...

स्टेरॉयड एक तरह के एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Anti-Inflammatory Drugs) होते हैं, जो शरीर में सूजन और एलर्जी को कम करने में मदद करते हैं. इसे अस्थमा और एलर्जी, गंभीर त्वचा रोग, गठिया (Arthritis), जोड़ों की सूजन, ऑटोइम्यून डिजीज, आंखों की सूजन में इस्तेमाल होता है. स्टेरॉयड टेबलेट, इंजेक्शन, क्रीम और आई ड्रॉप्स के तौर पर इस्तेमाल होता है लेकिन इसका लंबे समय तक या बिना डॉक्टर की सलाह के इस्तेमाल करने से गंभीर आंखों की बीमारियां हो सकती हैं.
एम्स डॉक्टर्स का कहना है कि खांसी के लिए इन्हेलर, नाक की एलर्जी के लिए नेजल स्प्रे या स्किन इंफेक्शन के लिए दी जाने वाली क्रीम में स्टेरॉयड होते हैं. इनका लंबे समय तक यूज आंखों की ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंच सकता है. ये नसें आंखों को ब्रेन से कनेक्ट करती है, इनमें डैमेज आने से दोबारा से रोशनी वापस नहीं आ सकती है.
एम्स ग्लूकोमा यूनिट हेड प्रोफेसर डॉ. तनुज दादा ने बताया कि आंखों में दबाव बढ़ने से ऑप्टिक नर्व पर निगेटिव असर पड़ता है, जिससे ग्लूकोमा (Glaucoma) हो सकता है. सबसे हैरान करने वाली बात है कि इस बीमारी की शुरुआत में कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है. इसका पता तब चलता है, जब मरीज को एक आंख से दिखना बंद हो जाता है.
डॉक्टर्स का कहना है कि ज्यादा तनाव भी आंखों पर दबाव बढ़ा देता है. तनाव अधिक होने से शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है. इससे आंखों का प्रेशर बढ़ता है, जिससे काला मोतिया की आशंका बढ़ जाती है. सामान्य कंडीशन में आंखों का दबाव 10-21mm Hg होता है, लेकिन तनाव इसे बढ़ा सकता है. इसलिए हर किसी को इन दवाईयों और तनाव से बचना चाहिए.
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