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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Health Risk: नाइट शिफ्ट करने वाले सावधान ! 5 खतरनाक बीमारियों का रिस्क, संभले नहीं तो बढ़ जाएंगी मुश्किलें
क्या आप भी नाइट शिफ्ट कर रहे हैं, अगर हां तो आज से ही अपनी सेहत की चिंता करना शुरू कर दीजिए, क्योंकि रात में नौकरी करने वालों की मेंटल और फिजिकल हेल्थ खराब होने का खतरा (Night Shift Health Problems) रहता है. रातभर जागकर काम करने से दिल की बीमारियां हो सकती हैं. इससे डिप्रेशन बढ़ सकता है. महिलाओं में तो ब्रेस्ट कैंसर तक का रिस्क रहता है. ऐसे में अगर आप नाइट शिफ्ट कर रहे हैं तो अपनी सेहत का भरपूर ख्याल रखें. किसी भी तरह की लापरवाही से बचें. यहां जानिए नाइट शिफ्ट से किन-किन बीमारियों का जोखिम बढ़ रहा है...
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View In Appनींद पूरी न होना: नाइट शिफ्ट करने वालों में नींद न आने की सबसे ज्यादा समस्याएं देखी गई हैं. नाइट शिफ्ट के बाद दिन कुछ लोग चैन की नींद नहीं सो पाते हैं. एक-दो घंटे सोने से उनका स्लीप साइकिल बिगड़ने लगता है, जिससे एंजाइटी की समस्या हो सकती है.
ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क: एक्सपर्ट्स का कहना है कि नाइट शिफ्ट करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काफी ज्यादा होता है. रात में न सोने से स्लीप पैटर्न बगड़ जाता है, जिससे मेलाटोनिन हार्मोन का लेवल कम होता है. यह हार्मोन कैंसर से बचाने का काम कर सकता है.
हार्ट अटैक का जोखिम: खराब स्लीप साइकल का सबसे ज्यादा असर हार्ट पर होता है. रोज रात में नाइट शिफ्ट करने से नींद खराब होने लगती है, इससे हार्ट अटैक का रिस्क कई गुना तक बढ़ जाता है. रात में न सोने से ब्लड प्रेशर भी प्रभावित होता है. इसी वजह से हार्ट अटैक का खतरा करीब 7 परसेंट तक ज्यादा बढ़ जाता है.
डायबिटीज: रात में सही तरह न सोने वालों में लेप्टिन हार्मोन कम हो जाता है, जिससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इनमें डायबिटीज प्रमुख है. लेप्टिन हार्मोन ब्लड शुगर और इंसुलिन को कंट्रोल करने का काम करता है.
डिप्रेशन: नाइट शिफ्ट करने वालों में तनाव ज्यादा देखने को मिलता है, इससे धीरे-धीरे डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से उनकी मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है और कई बीमारियां बढ़ने का जोखिम रहता है.
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