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हार्ट अटैक आने से पहले चल जाएगा आपको पता, साइंटिस्ट्स ने ढूंढ निकाला ऐसा तरीका
WHO के अनुसार,दुनियाभर में हर साल होने वाली मौतों में करीब 32% की जिम्मेदार कार्डियोवस्कुलर डिजीज है,ऐसे में साइंटिस्ट्स ने अब एक ऐसा टूल बनाया है,जो पहले ही हार्ट डिजीज को पहचानकर बचाने में मदद करेगा

दिल की बीमारियों का पता लगाने के लिए बड़ी सफलता मिली है. साइंटिस्ट्स ने एक नया टूल टेस्ट किया है, जो अफोर्डेबल है और इसका इस्तेमाल भी आसान है. इस टूल से दुनियाभर में हार्ट की बीमारियों से निपटने की उम्मीदें बढ़ गई हैं.
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दिल हमारे शरीर का केंद्र है. जब तक इसका धड़कना जारी रहता है, हमारी जिंदगी भी चलती रहती है. यह काफी नाजुक अंग है. जरा सी लापरवाही इसकी सेहत बिगाड़ सकती है. आमतौर पर दिल से जुड़ी समस्याएं बड़ी उम्र में ही आती है, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ शरीर के अंग कमजोर होने लगते हैं और उनकी फंक्शनिंग में दिक्कतें आने लगती हैं.
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लेकिन आजकल कम उम्र के लोगों का दिल भी कमजोर होने लगा है. इसका कारण खराब खानपान, लाइफस्टाइल और कम फिजिकल एक्टिविटीज है. कभी भी हार्ट अटैक और स्ट्रोक आ जाता है.लेकिन अब इससे डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि साइंटिस्ट्स ने ऐसा टूल बनाया है, जो हार्ट डिजीज का पता पहले ही लगा सकता है. आइए जानते हैं इस टूल के बारें में...
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दिल की बीमारियों का पता लगाने के लिए बड़ी सफलता मिली है. साइंटिस्ट्स ने एक नया टूल टेस्ट किया है, जो अफोर्डेबल है और इसका इस्तेमाल भी आसान है. इस टूल से दुनियाभर में हार्ट की बीमारियों से निपटने की उम्मीदें बढ़ गई हैं.
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रिसर्च टीम का दावा है कि यह इनोवेशन टूल महंगे लैब टेस्ट के बिना ही हार्ट डिजीज (Heart Disease) के शुरुआती लक्षणों का सटीक पता लगा सकता है. सस्ती कीमत पर बनाए गए इस टूल का मकसद गरीब और पिछड़े इलाकों में रहने वालों तक इसका फायदा पहुंचाना है, जहां अभी भी मेडिकल सुविधाएं कम हैं.
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शुरुआती जांच में इस नए टूल के रिजल्ट काफी बेहतर रहे हैं. एक्सपर्ट्स ने इसे हार्ट डिजीज से लड़ने के लिए बेहतरीन बताया है. उनका मानना है कि अगर यह बाजार में आया तो दिल की बीमारियों जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर के मामलों में कमी आ सकती है.
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रिसर्च टीम अब बड़े पैमाने पर हार्ट डिजीज का पता लगाने वाले टूल को बनाने और डिस्ट्रिब्यूशन से पहले रेगुलेटरी अप्रूवल और आगे की क्लिनिकल मंजूरी पर काम कर रहा है. अगर इसमें सफलता मिली तो बहुत जल्द यह टूल मार्केट में आ जाएगा और इससे हार्ट से जुड़ी बीमारियों का रिस्क कम होगा.
Published at : 21 Mar 2025 12:21 PM (IST)
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
Opinion