क्या वाकई हेल्थ फ्रेंडली है बंगाल की मशहूर मिठाई 'संदेश'? यहां जानिए क्या कहते हैं डायटीशियन
भारत तीज त्योहारों वाला ऐसा देश है जहां हर रोज कोई ना कोई पर्व होता है और मुंह मीठा कराने की परंपरा चलती रहती है. ऐसे में हर राज्य में अलग अलग मिठाई मशहूर है. बंगाल की पॉपुलर मिठाई संदेश की बात करें तो इसने देश ही नहीं विदेशों में भी अपने स्वाद के झंडे गाड़ दिए हैं. देखा जाए तो मिठाई खाना सब चाहते हैं लेकिन ज्यादा कैलोरी पेट में जाने का अपराध बोध लोगों को मिठाई से दूर रखता है.
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View In Appदेखा जाए तो सभी मिठाइयां स्वादिष्ट होती है लेकिन सच कहें तो सभी मिठाइयां सेहत के लिए अच्छी नहीं होती हैं. ऐसे में बंगाली मिठाई संदेश को लेकर सवाल उठता है कि क्या ये स्वाद से भरी मिठाई सेहत के लिए अच्छी है. चलिए जानते हैं इस सवाल का जवाब.
संदेश को लेकर डाइटिशियन कहते हैं कि संदेश हेल्थ के लिए अच्छी मिठाई साबित हो सकती है. छेना से बना संदेश कैल्शियम और प्रोटीन का भंडार होता है.ये स्वाद में भरपूर होने के साथ साथ ढेर सारी एनर्जी भी देती है. छेना दरअसल कैसिन नामक फायदेमंद प्रोटीन का भंडार है. दूध में पाया जाने वाला ये प्रोटीन शरीर को मजबूती और एनर्जी देने का काम करता है.
लगभग 100 ग्राम छेना में 20 ग्राम प्रोटीन होता है. संदेश बनाने के लिए यूज होने वाला छेना भैंस के दूध से बनता है. इसमें मध्यम मात्रा में फैट और कम कार्बोहाइड्रेट होता है जो शरीर के लिए अच्छा होता है.
डाइटिशियन कहते हैं कि सेहत की नजर से देखा जाए तो संदेश बहुत ही फायदेमंद और नुकसान ना करने वाली मिठाई है. ये डीप फ्राई नहीं की जाती और इसमें बिलकुल भी मैदा नहीं होता है. यानी बिना तेल और मैदा से बनी ये मिठाई सेहत को फायदा ही करती है. मालपुआ और गुजिया की अपेक्षा इसमें कार्ब्स संतुलन में होता है. डाइटिशियन कहते हैं कि जिस तरह रसगुल्ले और गुलाब जामुन की चीनी की चाशनी में डाला जाता है, उस तरह संदेश को नहीं डाला जाता. इसमें चीनी को आप कम या ज्यादा अपने स्वाद और सेहत के अनुसार रख सकते हैं.
ऐसे में अगर संदेश जैसी मिठाई को बाजार से खरीदने की बजाय घर पर ही बनाया जाए तो ये ज्यादा स्वाद और सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होगी. घर में इसे चीनी से बनाने की बजाय मेवे की फिलिंग करके आप नेचुरल मिठास का भी आनंद ले सकते हैं.
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