इस बीमारी में हाथी की तरह हो जाते हैं पैर, जानें कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
फाइलेरिया ऐसी खतरनाक बीमारी है जो मच्छर काटने शरीर को धीरे धीरे और शांत तरीके से खराब कर डालती है. डॉक्टर कहते हैं कि फाइलेरिया अक्सर कम उम्र यानी बचपन में होता है और ये बीमारी एक खास संक्रमण के चलते होती है. इस बीमारी को हाथीपांव भी कहा जाता है.
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View In Appफाइलेरिया का संक्रमण बचपन में होता है लेकिन इसके लक्षण सालों में डेवलप होते हैं और सालों बाद व्यक्ति इसके चलते विकलांग तक हो सकता है. शरीर के साथ साथ इस संक्रमण का व्यक्ति की मानसिक दशा पर भी बुरा असर पड़ता है.
फाइलेरिया मच्छर काटने से होने वाला संक्रमण है जो निमेटोड परजीवियों के कारण होता है.ये संक्रमण आमतौर पर बच्चों को होता है और इसके लक्षण देर से पता चलते हैं. इसके लक्षणों में बुखार, बदन में खुजली और जलन और निजी अंगों के आस पास दर्द और सूजन शामिल हैं.
इस बीमारी में हाथ पैर सूज कर मोटे हो जाते हैं. खासकर पैर काफी मोटे हो जाते हैं. देखा जाए तो फाइलेरिया के लक्षण बहुत ज्यादा स्पष्ट नहीं होते हैं और यही वजह है कि इस बीमारी का पहली और दूसरी स्टेज में पता नहीं चल पाता. आपको बता दें कि फाइलेरिया के चलते शरीर के इम्यून सिस्टम पर भी गहरा असर पड़ता है और इस बीमारी के ज्यादा फैलने पर विकलांगता हो सकती है.
फाइलेरिया से बचाव के लिए घर के आस पास मच्छरों को पनपने नहीं देना चाहिए. घर के आस पास पानी ना जमा होने दें. गंदगी और कूड़ा करकट साफ करते रहे. मच्छरों के मौसम में बच्चों को पूरा शरीर ढकने वाले कपड़े पहनाकर ही घर से बाहर निकलने दें. इसके अलावा घर के आस पास और गार्डन आदि में कीटनाशक का छिड़काव करते रहना चाहिए.
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