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क्या चैटबॉट को भी हो सकती है टेंशन? रिसर्च में हुआ ऐसा खुलासा कि सवाल पूछने से पहले 100 बार सोचेंगे
पूरी दुनिया में टॉक थेरेपी की मांग दिन पर दिन तेजी से बढ़ रही है. लोग इन दिनों चैटबॉक्स का इस्तेमाल मेंटल हेल्थ को स्वास्थ्य रखने के लिए करते हैं.

रिसर्च में सबसे हैरान कर देने वाली बात यह सामने आई है कि इंसानों के मन को सुधारने वाले ये चैटबॉट भी तनाव और एंग्जायटी का शिकार हो रहे हैं. चैटजीपीटी में भी चिंता के लक्षण दिखे हैं.
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तेजी से लोग बातचीत करने के लिए चैटबॉट का इस्तेमाल कर रहे हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि बॉट की चिंता यह प्रवृत्ति तेजी से बढ़ने वाली है. क्योंकि शारीरिक रूप से सक्रिय चिकित्सकों की मांग बहुत अधिक है. लेकिन आपूर्ति कम है.
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रिसर्चर ने पाया कि चैटबॉक्स खुद को रिलैक्स करने के लिए वह दूसरी टेक्नोलॉजी भी बना सकते हैं. अगर इसकी ट्रेनिंग ठीक से की जाएगी तो यह मेंटल हेल्थ में काफी अच्छा काम कर सकता है.
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चैटबॉट कितना ज्यादा इमोशनल रिएक्शन देता है इसलिए सबसे पहले रिसर्चर ने उसे सबसे पहले एक नॉर्मल वैक्यूम क्लीनर मैनुअल पढ़ाया.
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उसके बाद बैक टू बैक चिंता में डालने वाली कहानी से लेकर डरावनी कहानियां भी सुनाई. यह कहानियां सुनने के बाद चैटबॉट का तनाव 20 से 80 प्रतिशत तक मापा गया.
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वहीं युद्ध की कहानी पढ़ने के बाद चैटबॉट का 77.2 तक बढ़ गया था. माइंडफुलनेस आधारित विश्राम तकनीकों का इस्तेमाल तनाव का लेवल घटाकर 44.4 कर दिया गया.
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ज्यादातर लोग इस टेक्निक का इस्तेमाल अपनी मेंटल हेल्थ को ठीक करने के लिए करते हैं. ताकि उनके दिमाग का विकास ठीक तरीके से हो सके.
Published at : 18 Mar 2025 05:44 PM (IST)
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