सिर्फ खराब लाइफस्टाइल ही नहीं, बढ़ते मोटापे के लिए ये 6 हार्मोन होते हैं जिम्मेदार
बढ़ते मोटापे के लिए इंसुलिन हार्मोन भी जिम्मेदार हो सकते हैं दरअसल इंसुलिन हमारे शरीर में ग्लूकोज को स्टोर करता है लेकिन किसी कारणवश अगर इंसुलिन ठीक तरीके से काम नहीं कर पाता है तो हमारे शरीर का वजन बढ़ सकता है. ज्यादा मीठी चीजें प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड खाने लग जाते हैं तो इस हार्मोन में असंतुलन पैदा हो सकता है.
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View In Appशरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का भी संतुलन सही होना चाहिए मेनोपॉज, स्ट्रेस, एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन या फिर अन हेल्दी फूड के कारण प्रोजेस्ट्रोन के लेवल में गिरावट देखने को मिलती है ऐसा होने से भी वजन बढ़ता है.
ग्लूकागन पेप्टाइड 1 हार्मोन आंत में बनने वाला हार्मोन है जो खाने से मिलने वाले पोषक तत्व को आंत तक पहुंचाते हैं, रिसर्च की माने तो जिनके शरीर में ग्लूकागन पेप्टाइड 1 का स्तर अधिक होता है उनका शरीर का वजन तेजी से बढ़ता है.
न्यूरोपेप्टाइड वाई एक ऐसा हार्मोन है जो भूख को बढ़ावा देता है. ऐसे में अगर शरीर में न्यूरोपेप्टाइड वाई का स्तर बढ़ जाए तो आपका वजन भी तेजी से बढ़ सकता है.
कॉर्टिसोल एक स्टेरॉयड हार्मोन है. यह मुख्य रूप से तब एक्टिव होता है जब हम स्ट्रेस, डिप्रेशन गुस्से और शारीरिक रूप से घायल होते हैं.इसका लेवल बढ़ने से बार बार भूख लगती है, जिसकी वजह से हम खाने की तरफ बढ़ते हैं और आपका वजन तेजी से बढ़ता है.
लेप्टिन एक ऐसा हार्मोन है जो दिमाग के उस भाग को कंट्रोल करती है जो भूख को नियंत्रित करता है.ऐसे में अगर शरीर में लेप्टिन हार्मोन असंतुलित हो जाए तो मस्तिष्क तक यह संदेश नहीं पहुंच पाती और आप अधिक खाते हैं जो मोटापा बढ़ाने का कारण हो सकता है.
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