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जिन लोगों को है ये गंदी लत, उन्हें समय-समय पर जरूर करना चाहिए फेफड़ों की सफाई... जानें कैसे

फेफड़ों की सफाई करके इसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी या सांस और खांसी जैसी छोटी बीमारी से भी बचा सकते हैं.

फेफड़ों की सफाई करके इसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी या सांस और खांसी जैसी छोटी बीमारी से भी बचा सकते हैं.

कैसे लंग्स को साफ किया जाता है

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फेफड़ों को डिटॉक्स करने से यहां अर्थ है कि फेफड़ों की सफाई उसे अच्छे से धोना. इस तरीके से फेफड़ें संबंधित सांस की बीमारी और खांसी जैसी छोटी-मोटी बीमारी को भी ठीक किया जा सकता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फेफड़ों का काम ही होता है बाहर से ऑक्सिजन लेकर उसके गंदगी को फिल्टर करके साफ हवा हमारे पूरे शरीर पर सप्लाई करना.
फेफड़ों को डिटॉक्स करने से यहां अर्थ है कि फेफड़ों की सफाई उसे अच्छे से धोना. इस तरीके से फेफड़ें संबंधित सांस की बीमारी और खांसी जैसी छोटी-मोटी बीमारी को भी ठीक किया जा सकता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फेफड़ों का काम ही होता है बाहर से ऑक्सिजन लेकर उसके गंदगी को फिल्टर करके साफ हवा हमारे पूरे शरीर पर सप्लाई करना.
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जो सिगरेट, मारिजुआना जैसे धूम्रपान करते हैं. या वेपोराइज़र का उपयोग करते हैं. जो क्लोरीन, फॉस्जीन, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और अमोनिया सहित जलन, रसायनों और गैसों के संपर्क में रहते है.यह सब जहरीले गैस फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है. यह उन लोगों के लिए भी काफी अच्छा है जो सांस संबंधी बीमारियों जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस, अस्थमा, एलर्जी, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), या इंटरस्टिशियल लंग डिजीज से पीड़ित हैं.
जो सिगरेट, मारिजुआना जैसे धूम्रपान करते हैं. या वेपोराइज़र का उपयोग करते हैं. जो क्लोरीन, फॉस्जीन, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और अमोनिया सहित जलन, रसायनों और गैसों के संपर्क में रहते है.यह सब जहरीले गैस फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है. यह उन लोगों के लिए भी काफी अच्छा है जो सांस संबंधी बीमारियों जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस, अस्थमा, एलर्जी, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), या इंटरस्टिशियल लंग डिजीज से पीड़ित हैं.
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हालांकि, यह याद रखना बेहद जरूरी है कि फेफड़ों की सफाई ऐसे हॉस्पिटल में करवाना चाहिए. जो इस मामले में स्पेशलिस्ट हो. साथ ही साथ एकदम चिकित्सा देखभाल के अंतर्गत ही होना चाहिए.  डॉ. केंड्रे ने चेतावनी दी, क्योंकि इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि फेफड़ों की सफाई फेफड़ों के कैंसर से बचा सकता है.हालांकि ऐसी कोई विशिष्ट तकनीक या उत्पाद नहीं हैं जो फेफड़ों को सीधे
हालांकि, यह याद रखना बेहद जरूरी है कि फेफड़ों की सफाई ऐसे हॉस्पिटल में करवाना चाहिए. जो इस मामले में स्पेशलिस्ट हो. साथ ही साथ एकदम चिकित्सा देखभाल के अंतर्गत ही होना चाहिए. डॉ. केंड्रे ने चेतावनी दी, क्योंकि इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि फेफड़ों की सफाई फेफड़ों के कैंसर से बचा सकता है.हालांकि ऐसी कोई विशिष्ट तकनीक या उत्पाद नहीं हैं जो फेफड़ों को सीधे "डिटॉक्स" कर सकें, डॉ. केंड्रे के अनुसार, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से फेफड़ों के स्वास्थ्य में मदद मिल सकती है.
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फेफड़ों की सफाई के लिए नैचुरल तरीका ही बेहतर माना. क्योंकि यह
फेफड़ों की सफाई के लिए नैचुरल तरीका ही बेहतर माना. क्योंकि यह "दवाओं या मिश्रणों का उपयोग किए बिना आपके फेफड़ों को हेल्दी रखना ज्यादा अच्छा है. फेफड़े स्वयं-सफाई करने वाले अंग हैं जो प्रदूषण के संपर्क में नहीं आने पर मरम्मत शुरू कर देते हैं.
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डॉ. राय ने सलाह दी कि अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका सिगरेट के धुएं और वायु प्रदूषण जैसे खतरनाक रसायनों से दूर रहना है. फेफड़ों को हेल्दी रखना है तो धूम्रपान न करें. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कम करते हैं. या कितने दिन बाद करते हैं.
डॉ. राय ने सलाह दी कि अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने का सबसे अच्छा तरीका सिगरेट के धुएं और वायु प्रदूषण जैसे खतरनाक रसायनों से दूर रहना है. फेफड़ों को हेल्दी रखना है तो धूम्रपान न करें. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कम करते हैं. या कितने दिन बाद करते हैं.
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आधे से एक घंटे भी अगर आप एक्सरसाइज करते हैं तो आपका फेफड़ा हेल्दी रहेगा. इससे आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी. अगर आपको पहले से ही फेफेड़ों से संबंधित बीमारी है तो अच्छी डाइट के साथ-साथ रोजाना एक्सरसाइज करें.
आधे से एक घंटे भी अगर आप एक्सरसाइज करते हैं तो आपका फेफड़ा हेल्दी रहेगा. इससे आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी. अगर आपको पहले से ही फेफेड़ों से संबंधित बीमारी है तो अच्छी डाइट के साथ-साथ रोजाना एक्सरसाइज करें.

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