Health Tips: दूसरे का टूथब्रश न करें इस्तेमाल, वरना हो जाएगी यह खतरनाक बीमारी
'मैनिजाइटिस' दिमाग से जुड़ी बीमारी है. यह ब्रेन को इफेक्ट करता है. मैनिजाइटिस में ब्रेन के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी के आसपास जो लिक्विड और झिल्लियां होते हैं. उसमें सूजन आ जाते हैं. इन झिल्लियों को मेनिन्जेस कहते हैं. मैनिजाइटिस में होने वाले सूजन ज्यादातर सिरदर्द, बुखार और गर्दन के अकड़न पैदा करते हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसकी शुरुआती कैसे होती है. साथ ही यह भी जानेंगे कि इससे बचने का क्या तरीका है?
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View In Appबैक्टीरियल मैनिंजाइटिस में बैक्टीरिया खून में चला जाता है जिसके कारण दिमाग और रीढ़ की हड्डी तक पहुंच जाता है. बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस के कई कारण होते हैं. इसके कारण बैक्टीरियल साइनस और निमोनिया भी हो सकता है.
क्रोनिक मैनिंजाइटिस (Chronic meningitis) काफी लंबे समय तक शरीर में रहता है. माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस यह धीरे-धीरे पूरे शरीर को अपना शिकार बना लेता है. यह दिमाग और रीढ़ की हड्डियों के पास की झिल्लियों को काफी ज्यादा प्रभावित करता है. क्रोनिक मैनिंजाइटिस होने में दो सप्ताह या उससे अधिक दिन का वक्त लग सकता है. इसके अलावा ये इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से भी हो सकता है. और फिर आपके ब्रेन तक पहुंच सकता है.
मैनिंजाइटिस के कई कारण हो सकते हैं. जब बच्चा मां के पेट में रहता है और उस वक्त अगर ठीक से ख्याल न रखा जाए जो फीटल के जरिए हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस, एचआईवी, मम्प्स वायरस, वेस्ट नाइल वायरस मैंनिजाइटिस हो सकता है.
मैनिंजाइटिस होने पर शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. जैसे- तेज बुखार, ब्रेन में इंफेक्शन. इसके अलावा रीढ़ की हड्डी में सूजन, सिर में दर्द रहना, गले में अकड़न, उल्टी, दौरे पड़ना, भूख न लगना और भी कई सारे लक्षण दिखाई देने लगते हैं.
मैनिंजाइटिस से बचना है तो हाइजीन का खास ख्याल रखें. जैसे- हाथों की सफाई करना, खांसने और छींकने के दौरान मुंह को कवर करना. बैक्टीरिया या वायरस आपके मुंह में घुस तो नहीं रहा है इसका ख्याल रखना. खांसने, छींकने, किस करने या खाने के बर्तन, टूथब्रश या सिगरेट शेयर करने के कारण भी मैनिंजाइटिस बढ़ सकता है. साथ ही छोटे बच्चों के इसका टीका जरूर लगवाएं.
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