एक्सप्लोरर
6 तरह का दर्द बढ़ा सकता है जरूरत से ज्यादा फोन चलाना, आज से ही सेट करें लिमिट
बहुत ज्यादा मोबाइल फोन चलाना खतरनाक हो सकता है. इससे दिमाग को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. नींद गायब और डिप्रेशन बढ़ सकता है. इतना ही नहीं ज्यादा फोन चलाने से शरीर में कई तरह दर्द भी हो सकते है.

कुछ दिनों पहले डॉक्टरों की टीम ने एक सर्वे किया.इसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक, फोन की वजह से जो बीमारियां हुई हैं, उनमें 74% ब्रेन ट्यूमर, 80% लोग बहरेपन और 37% में मेल इन्फर्टिलिटी या पुरुषों का बांझपन के शिकार थे. जबकि 45% फोन की वजह से हार्ट डिजीज की समस्या में थे.
1/6

गर्दन और कंधे: फोन देखने के लिए हम सभी अपना सिर झुकाते हैं. इसकी वजह से गर्दन और कंधों का दर्द बढ़ सकता है. इस आदत से गर्दन में अकड़न, कंधों में भारीपन की समस्याएं हो सकती हैं. अनदेखा करने पर ये दर्द काफी ज्यादा बढ़ सकता है.
2/6

पीठ दर्द : कई-कई घंटे फोन चलाते समय ज्यादातर लोग गलत तरीके से बैठते हैं, जिससे रीढ़ की हड्डी पर जोर पड़ता है. इसकी वजह से पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द (Back Pain) हो सकता है. कई बार ये दर्द उठने-बैठने तक नहीं देता है.
3/6

हाथ और उंगलियों में दर्द : फोन पर लगातार टाइपिंग और स्क्रीन स्क्रॉल करने से उंगलियों और हाथों की मांसपेशियों में काफी ज्यादा खिंचाव आ सकता है. इससे इनमें दर्द बढ़ सकता है. अगर इस समस्या को लगातार इग्नोर किया जाए तो दिक्कतें बढ़ सकती हैं.
4/6

आंखों में थकान : फोन की स्क्रीन पर आंखें गड़ाए रहने से आंखों में थकान आ जाती है. इसकी वजह से आंखों में जलन, धुंधलापन और सिरदर्द हो सकता है. इसलिए फोन की स्क्रीन ज्यादा देर तक नहीं देखनी चाहिए. इसके खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.
5/6

सिरदर्द : फोन की स्क्रीन लगातार देखने और झुककर बैठने की वजह से सिरदर्द (Headache) हो सकता है. कई बार तो यह इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि इसकी वजह से आंखें और अन्य हिस्सों में भी दर्द होने लगता है.
6/6

कलाई दर्द : हाथों में लगातार फोन लेकर लंबे समय तक बातचीत करने और उसे पकड़ने रहने से कलाईयों में दर्द और कई तरह की समस्याएं बढ़ सकती हैं. इससे कलाई वाले हिस्से की मांसपेशियां खिंच सकती हैं.
Published at : 16 Dec 2024 01:00 PM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
आईपीएल
इंडिया
महाराष्ट्र
बॉलीवुड
Advertisement


राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
Opinion