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Week Immunity: कमजोर इम्यूनिटी के 5 लक्षण...भूलकर भी न करें अनदेखा, वरना बढ़ जाएगा बीमारियों का रिस्क

कई बार इम्यूनिटी कमजोर होने पर भी उसके लक्षण नजर नहीं आते हैं. ऐसे में शरीर के इशारों को समझना चाहिए. अगर आप बार-बार इन संकेतों को नजरअंदाज करते हैं तो बीमारियों का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है.

कई बार इम्यूनिटी कमजोर होने पर भी उसके लक्षण नजर नहीं आते हैं. ऐसे में शरीर के इशारों को समझना चाहिए. अगर आप बार-बार इन संकेतों को नजरअंदाज करते हैं तो बीमारियों का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है.

कई बार इम्यूनिटी कमजोर होने पर भी उसके लक्षण नजर नहीं आते हैं. ऐसे में शरीर के इशारों को समझना चाहिए. अगर आप बार-बार इन संकेतों को नजरअंदाज करते हैं तो बीमारियों का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है.

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जब भी इम्यूनिटी कमजोर होती है, तब शरीर थका-थका सा महसूस करता है. इससे शरीर का कोई भी हिस्सा दर्द करने लगता है. दरअसल, कमजोर इम्यूनिटी की वजह से शरीर की ऊर्जा बीमारियों से लड़ने में लग जाती है और शरीर थका-थका सा लगता है.
जब भी इम्यूनिटी कमजोर होती है, तब शरीर थका-थका सा महसूस करता है. इससे शरीर का कोई भी हिस्सा दर्द करने लगता है. दरअसल, कमजोर इम्यूनिटी की वजह से शरीर की ऊर्जा बीमारियों से लड़ने में लग जाती है और शरीर थका-थका सा लगता है.
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इम्यूनिटी कमजोर होने का एक लक्षण पाचन तंत्र खराब होना भी है. कमजोर इम्यूनिटी होने पर कब्ज, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं बढ़ जाती है. कई बार तो इम्यूनिटी वीक होने पेट में काफी दर्द भी रहता है. दरअसल, कमजोर इम्यूनिटी की वजह से पेट में बैक्टीरिया बड़ी ही आसानी से प्रवेश कर लेते हैं और पेट संबंधित बीमारियों को जन्म देते हैं.
इम्यूनिटी कमजोर होने का एक लक्षण पाचन तंत्र खराब होना भी है. कमजोर इम्यूनिटी होने पर कब्ज, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं बढ़ जाती है. कई बार तो इम्यूनिटी वीक होने पेट में काफी दर्द भी रहता है. दरअसल, कमजोर इम्यूनिटी की वजह से पेट में बैक्टीरिया बड़ी ही आसानी से प्रवेश कर लेते हैं और पेट संबंधित बीमारियों को जन्म देते हैं.
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शरीर में सुस्ती आलस होना इम्यूनिटी कमजोर होने की निशानी है. क्योंकि इम्यूनिटी वीक होने पर बॉडी का एनर्जी कम होने लगता है. इम्यूनिटी वीक होने पर शरीर हर वक्त बैक्टीरिया से लड़ता रहता है और थकावट लगने लगती है.
शरीर में सुस्ती आलस होना इम्यूनिटी कमजोर होने की निशानी है. क्योंकि इम्यूनिटी वीक होने पर बॉडी का एनर्जी कम होने लगता है. इम्यूनिटी वीक होने पर शरीर हर वक्त बैक्टीरिया से लड़ता रहता है और थकावट लगने लगती है.
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कमजोर इम्यूनिटी वालों को अगर चोट या घाव लगता है तो वह आसानी से ठीक नहीं होता है. कई बार तो घाव नासूर भी बन सकता है. जब इम्यूनिटी मजबूत होता है, तब चोट लगने के बाद त्वचा खुद इसे भरने में जुट जाती है और चोट आसानी से भर जाता है लेकिन इम्यूनिटी के कमजोर होने पर ऐसा नहीं होता है. इसलिए जब भी इनमें से कोई लक्षण नजर आए तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए
कमजोर इम्यूनिटी वालों को अगर चोट या घाव लगता है तो वह आसानी से ठीक नहीं होता है. कई बार तो घाव नासूर भी बन सकता है. जब इम्यूनिटी मजबूत होता है, तब चोट लगने के बाद त्वचा खुद इसे भरने में जुट जाती है और चोट आसानी से भर जाता है लेकिन इम्यूनिटी के कमजोर होने पर ऐसा नहीं होता है. इसलिए जब भी इनमें से कोई लक्षण नजर आए तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए
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अगर किसी की इम्यूनिटी कमजोर है तो उसे जल्दी-जल्दी सर्दी-जुकाम होने लगता है. जब शरीर में इम्यूनिटी लेवल स्ट्रॉन्ग होता है तो मौसमी बीमारियों से यह हमें बचाकर रखता है. लेकिन अगर इम्यूनिटी वीक होती है तो सर्दी-जुकाम की समस्या काफी होती है.
अगर किसी की इम्यूनिटी कमजोर है तो उसे जल्दी-जल्दी सर्दी-जुकाम होने लगता है. जब शरीर में इम्यूनिटी लेवल स्ट्रॉन्ग होता है तो मौसमी बीमारियों से यह हमें बचाकर रखता है. लेकिन अगर इम्यूनिटी वीक होती है तो सर्दी-जुकाम की समस्या काफी होती है.
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आपको हेल्दी और बीमारियों से दूर रखने में इम्यूनिटी का बड़ा रोल होता है. इम्यूनिटी (Immunity) मजबूत है तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे. वहीं, अगर इम्यूनिटी कमजोर है बीमारियों का रिस्क कहीं ज्यादा रहता है.
आपको हेल्दी और बीमारियों से दूर रखने में इम्यूनिटी का बड़ा रोल होता है. इम्यूनिटी (Immunity) मजबूत है तो आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे. वहीं, अगर इम्यूनिटी कमजोर है बीमारियों का रिस्क कहीं ज्यादा रहता है.

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