'वेट बल्ब टेम्परेचर' क्या होता है? क्या ये हीटवेब से भी ज्यादा खतरनाक है?
टेम्परेचर और ह्यूमिडिटी के कॉम्बिनेशन को 'वेट बल्ब टेम्परेचर' कहा जाता है. इसमें हवा की नमी को मापा जाता है. वेट बल्प टेंपरेचर में गर्मी के साथ ह्यूमिडिटी को भी मापा जाता है.
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View In Appजब गर्म थर्मामीटर का बल्ब और ठंडा कपड़ा जो तापमान देगा उसे वेट बल्ब टेम्परेचर कहा जाता है. इसमें तापमान भले ही कम होता है लेकिन ह्यूमिडिटी बढ़ जाती है.
टेंपरेचर जब बढ़चा है तो शरीर से पसीना निकलता है. वहीं ह्यूमिड हीट के दौरान पसीना नहीं निकलता है लेकिन सूख जाता है.
शरीर के त्वचा को ठंडा रखने के लिए पसीना निकलता है. इससे कारण शरीर के अंदर सोडियम और जरूरी मिनरल्स की कमी होने लगती है. इस स्थिति में किडनी और हार्ट फेल होने की संभावना बढ़ जाती है.
इंसान का शरीर 37 डिग्री सेल्सियस या 98.6 डिग्री फारेनहाइट तक टेंपरेचर बर्दाश्त कर सकता है. इससे कम होने पर ठंड और ज्यादा होने पर गर्मी लगने लगती है.
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