Conn Syndrome: क्या है कॉन सिंड्रोम, यह किडनी और हार्ट पर क्यों डालता है गंभीर असर?
कॉन सिंड्रोम के कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं: हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) होना, सिरदर्द रहना, कमजोरी और थकान महसूस होना, पेशाब में पोटैशियम की कमी होना, और मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन होना. इन लक्षणों की वजह से व्यक्ति को दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में परेशानी हो सकती है और उसकी हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है. अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.
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View In Appकिडनी पर असर : कॉन सिंड्रोम से किडनी पर विशेष प्रभाव पड़ता है. अधिक एल्डोस्टेरोन के कारण किडनी में सोडियम बढ़ जाता है, जिससे शरीर में पानी रुक जाता है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. इससे किडनी की कार्यक्षमता कम हो सकती है और किडनी फेल होने का खतरा बढ़ सकता है.
हार्ट पर असर : कॉन सिंड्रोम से हार्ट पर भी बुरा असर पड़ता है. लगातार हाई ब्लड प्रेशर की वजह से हार्ट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हार्ट अटैक और दिल की अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. पोटैशियम की कमी से हार्ट रिदम में गड़बड़ी हो सकती है, जो खतरनाक हो सकता है.
उपचार और बचाव : कॉन सिंड्रोम का इलाज दवाइयों और लाइफस्टाइल में बदलाव से किया जा सकता है. डॉक्टर की सलाह पर नियमित जांच और दवाइयों का सेवन करें. नमक कम खाएं, संतुलित आहार लें, और नियमित व्यायाम करें.
कॉन सिंड्रोम एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन सही समय पर पहचान और इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है.
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