शरीर बन जाएगा बीमारियों का अड्डा, अगर रोज रात सोते हैं 12 के बाद, जानें कम स्लीप के साइड इफेक्ट
बॉडी को फिट रखने के लिए वर्कआउट (Workout), फूड और मेंटल फिटनेस (Mental health) जितनी जरूरी होती है उतनी ही जरूरी नींद (Sleep) भी होती है. जी हां, अगर आप एक हेल्दी बॉडी चाहते हैं, तो उसके लिए रात में अच्छी नींद लेना, सही समय पर सोना और सही समय पर उठाना बहुत ज्यादा जरूरी होता है.
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View In Appकई रिसर्च ये दावा कर चुकी हैं कि जो लोग रात को 10:00 तक सो जाते हैं उनका मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है और उन्हें बीमारियों से भी बचाया जा सकता है. हालांकि, डॉक्टर ये बात भी मानते हैं कि जो लोग देर रात 12:00 तक या उसके बाद सोते हैं और अपनी नींद को पूरा नहीं करते उन्हें कई प्रकार की बीमारियां भी हो सकती हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कि लेट नाइट सोने से आपके शरीर पर किस तरह के प्रभाव पड़ते हैं.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि जो लोग देर रात तक जागते हैं उन्हें मूड से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. चिड़चिड़ापन, गुस्सा जल्दी आना यह इसके आम लक्षण है. दरअसल, हमारी नींद का एक नेचुरल सर्किल होता है, अगर हम अपने शरीर और दिमाग को उसके हिसाब से आराम नहीं देंगे तो इससे स्लीप साइकिल डिस्टर्ब होती है और मेटाबॉलिज्म से संबंधित समस्याएं, इम्यूनिटी से जुड़ी समस्याएं और मेंटल हेल्थ भी खराब हो सकती है, इसलिए डॉक्टर का मानना हैं कि हमें 10 से 11:00 के बीच सो जाना चाहिए. 12:00 के बाद तक जागने की आदत कई बीमारियों को बढ़ा सकती हैं.
वजन बढ़ाना: जी हां, जो लोग देर रात तक जागते हैं उनके मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर पड़ता है. उनके शरीर में फैट लेवल बढ़ सकता है, मेटाबॉलिज्म धीरे होने से वजन बढ़ने की आशंका ज्यादा होती है और मोटापे का खतरा होता है, जिससे डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम और पाचन संबंधित कई समस्याएं जन्म ले सकती हैं.
मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालें: नींद का कनेक्शन डायरेक्ट आपके दिमाग से होता हैं. अगर आप अच्छी नींद लेंगे तो आपकी मेंटल हेल्थ बेहतर होगी, वहीं अगर नींद की क्वालिटी खराब हुई तो मेंटल हेल्थ पर सीधे बुरा असर पड़ता है. इससे मूड स्विंग, डिप्रेशन, चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि जब आप देर से सोते हैं तो उससे शरीर में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हॉर्मोन इंबैलेंस हो जाते हैं, जिससे मेंटल स्ट्रेस और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है.
हार्ट हेल्थ और डायबिटीज का खतरा: जो लोग देर रात तक जागते हैं उनमें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी ज्यादा पाई जाती है. नींद की कमी से स्ट्रेस हार्मोन का लेवल बढ़ने लगता है, जिससे हार्ट पर ज्यादा दबाव पड़ता है और हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है. वहीं, ब्लड शुगर लेवल भी अनियंत्रित हो सकता है.
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