एक्सप्लोरर
Yoga For PCOS : इन प्रभावी योगासन से कंट्रोल हो सकता है पीसीओएस
![](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/09/a76cbb3e6a5dbe21d472e3bae0867ba6_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पीसीओ के लिए योग
1/6
![योग एक ऐसी चीज है जिससे आप तुरंत तो नहीं बल्कि लंबे समय के अभ्यास से स्वास्थ्य में सुधार लाता है. फिर चाहें वह समस्या पीरियड्स को रेगुलर करने की हो या फिर प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार की.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/09/d0950c43f615aae96a75a9fb94e353bde99b3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
योग एक ऐसी चीज है जिससे आप तुरंत तो नहीं बल्कि लंबे समय के अभ्यास से स्वास्थ्य में सुधार लाता है. फिर चाहें वह समस्या पीरियड्स को रेगुलर करने की हो या फिर प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार की.
2/6
![पाॅलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें महिलाओं में हार्मोन असंतुलित हो जाता है. इसके कारण महिलाओं में इनफर्टिलिटी की भी समस्या हो जाती है. आइए जानते हैं उन योगासनों के बारे में जो पीसीओएस को मैनेज करने में आपकी मदद कर सकते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/09/8bf53dba596baf520c7447e61da5194bd6bc2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पाॅलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें महिलाओं में हार्मोन असंतुलित हो जाता है. इसके कारण महिलाओं में इनफर्टिलिटी की भी समस्या हो जाती है. आइए जानते हैं उन योगासनों के बारे में जो पीसीओएस को मैनेज करने में आपकी मदद कर सकते हैं.
3/6
![बद्धकोणासन: बद्धकोणासन से पेल्विक एरिया में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, आराम मिलता है, तनाव कम होता है और प्रजनन अंगों को मदद मिलती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/09/f4cfc43fc66a1252969d5346ae729f055b24e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बद्धकोणासन: बद्धकोणासन से पेल्विक एरिया में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, आराम मिलता है, तनाव कम होता है और प्रजनन अंगों को मदद मिलती है.
4/6
![भारद्वाजासन: इस आसन को करने के लिए नियमित रूप से करने से पीठ के निचले हिस्से, गर्दन और कंधे की अकड़न और दर्द से छुटकारा मिलता है. इस आसन को करने से गर्भाशय की मांसपेशिया टोन होती हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/09/62b25f1e50028c53ad7431a3eb2bd73fb28d1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
भारद्वाजासन: इस आसन को करने के लिए नियमित रूप से करने से पीठ के निचले हिस्से, गर्दन और कंधे की अकड़न और दर्द से छुटकारा मिलता है. इस आसन को करने से गर्भाशय की मांसपेशिया टोन होती हैं.
5/6
![भुजंगासन: इस आसन को कोबरा भी कहते हैं. कोबरा मुद्रा पेट और पेल्विक ऐरिया पर हल्का दबाव डालती है और अंडाशय को उत्तेजित कर के पाचन में सुधार करती है और तनाव को कर के पीसीओडी के लक्षणों को दूर करने में मदद करती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/09/26a60d36eb88911eafc9e1bb19668e70c5af9.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
भुजंगासन: इस आसन को कोबरा भी कहते हैं. कोबरा मुद्रा पेट और पेल्विक ऐरिया पर हल्का दबाव डालती है और अंडाशय को उत्तेजित कर के पाचन में सुधार करती है और तनाव को कर के पीसीओडी के लक्षणों को दूर करने में मदद करती है.
6/6
![बालासन: यह इस समस्या के लिए सबसे उपयोगी आसनों में से एक माना जाता है. क्योंकि यह नर्वस सिस्टम को शांत कर के आराम पहुंचाता है. यह पूरे बाॅडी में खून के प्रवाह को एक समान करते हुए पीठ के नीचले हिस्से में तनाव, मासिक धर्म में ऐंठन और पीएमएस के लक्षणों में सुधार करता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/09/2a974458b1491e96926b4d02d525974f1ec78.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बालासन: यह इस समस्या के लिए सबसे उपयोगी आसनों में से एक माना जाता है. क्योंकि यह नर्वस सिस्टम को शांत कर के आराम पहुंचाता है. यह पूरे बाॅडी में खून के प्रवाह को एक समान करते हुए पीठ के नीचले हिस्से में तनाव, मासिक धर्म में ऐंठन और पीएमएस के लक्षणों में सुधार करता है.
Published at : 09 Jun 2022 01:53 PM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
ओटीटी
बिजनेस
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)