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दिल और फेफड़ों को कैसे हेल्दी रखता है रेट्रो वॉकिंग, जानें
रेट्रो वॉकिंग एक ऐसा व्यायाम है जिसमें आप पीछे की ओर चलते हैं और यह आपके शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. आइए जानते हैं कैसे?
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रेट्रो वॉकिंग के फायदेमंद
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![फिट और एक्टिव रहना चाहते हैं तो रेट्रो वॉकिंग एक बेहतरीन ऑप्शन है. सबसे पहले तो रेट्रो वॉकिंग से आपके पैरों, कूल्हों और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं जब आप पीछे की ओर चलते हैं तो ये मांसपेशियां अलग अंदाज में काम करती हैं और इससे ये और अधिक मजबूत हो जाती हैं. मांसपेशियों का यह विकास आपके बैलेंस और स्टैमिना को बेहतर बनाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/22/fe4b0c32075e0315e427675c28e55018ab666.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
फिट और एक्टिव रहना चाहते हैं तो रेट्रो वॉकिंग एक बेहतरीन ऑप्शन है. सबसे पहले तो रेट्रो वॉकिंग से आपके पैरों, कूल्हों और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं जब आप पीछे की ओर चलते हैं तो ये मांसपेशियां अलग अंदाज में काम करती हैं और इससे ये और अधिक मजबूत हो जाती हैं. मांसपेशियों का यह विकास आपके बैलेंस और स्टैमिना को बेहतर बनाता है.
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![मजबूत क्वाड्रिसेप्स से पैरों को बेहतर ढंग से सहारा मिलता है और चोटों से बचाव भी होता है. इसलिए निचले शरीर के वर्कआउट के लिए रेट्रो वॉकिंग बहुत ही लाभदायक है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/22/2d6d05b38b947c3ce4e16f0c67501158e50a9.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मजबूत क्वाड्रिसेप्स से पैरों को बेहतर ढंग से सहारा मिलता है और चोटों से बचाव भी होता है. इसलिए निचले शरीर के वर्कआउट के लिए रेट्रो वॉकिंग बहुत ही लाभदायक है.
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![जब हम पीछे की ओर चलते हैं तो हमारे शरीर को असामान्य गतिविधि के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है. इससे हृदय दर बढ़ जाती है और फेफड़े अधिक ऑक्सीजन सप्लाई करने लगते हैं. यह सब मिलकर हमारे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को मजबूत बनाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/22/e96002d4eb7650eb614f2873bbdf2c761cf9f.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जब हम पीछे की ओर चलते हैं तो हमारे शरीर को असामान्य गतिविधि के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है. इससे हृदय दर बढ़ जाती है और फेफड़े अधिक ऑक्सीजन सप्लाई करने लगते हैं. यह सब मिलकर हमारे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को मजबूत बनाता है.
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![रेट्रो वॉकिंग से हड्डियों और जोड़ों को भी मजबूती मिलती है यह आपके कंकाल को अधिक स्थिर बनाता है और चोट लगने का खतरा कम करता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/22/eed7a710f54d1f443ceeb1fcba1ffa8bc0772.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
रेट्रो वॉकिंग से हड्डियों और जोड़ों को भी मजबूती मिलती है यह आपके कंकाल को अधिक स्थिर बनाता है और चोट लगने का खतरा कम करता है.
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![जब हम पीछे की ओर चलते हैं तो हमारे पैरों और घुटनों पर आम चलने की अपेक्षा कम दबाव पड़ता है.इससे घुटने के जोड़ और घुटनों पर कम दबाव से उन लोगों को राहत मिल सकती है जिन्हें घुटने का दर्द या ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याएं हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/22/e4596f4dfaeea62a148efaa80bbb9afef219b.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जब हम पीछे की ओर चलते हैं तो हमारे पैरों और घुटनों पर आम चलने की अपेक्षा कम दबाव पड़ता है.इससे घुटने के जोड़ और घुटनों पर कम दबाव से उन लोगों को राहत मिल सकती है जिन्हें घुटने का दर्द या ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याएं हैं.
Published at : 22 Jan 2024 09:47 PM (IST)
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प्रियदर्शी रंजन, सामाजिक चिंतक
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