New Year 2025 Celebration: भारत में एक नहीं बल्कि 5 बार मनाया जाता है नया साल, जानें कब-कब होती है इस जश्न की शुरुआत
नया साल आने को अब बस चंद दिन का समय बचा है. दुनियाभर में नववर्ष की तैयारियां भी जोरों-शोरों से की जा रही हैं. हालांकि, पूरे विश्व में नया साल मनाने अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है.
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View In Appसबसे पहले बात करते हैं ईसाई नववर्ष की. 1 जनवरी से नए साल मनाए जाने की शुरुआत 15 अक्टूबर 1582 से हुई थी. इसके कैलेंडर का नाम ग्रिगोरियन कैलेंडर है. माना जाता है कि जूलियस सीजर ने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में जूलियन कैलेंडर बनाया. तभी से ईसाई न्यू ईयर मनाए जाने की परंपरा रही है.
हिंदू नववर्ष ; चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष का प्रारम्भ माना जाता है. इसी दिन से नए संवत्सर की शुरूआत भी होती है. माना जाता है कि ब्रह्मा जी ने इसी दिन से सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी. इसे गुड़ी पड़वा, उगादी नामों से भारत के कई क्षेत्रों में मनाया जाता है.
पंजाबी नववर्ष: पंजाब में नया साल वैशाखी पर्व के रूप में मनाया जाता है. वैशाखी का ये त्योहार मार्च या अप्रैल के महीने में मनाया जाता है. इस दौरान तमाम गुरुद्वारों में मेलों का आयोजन किया जाता है.
जैन नववर्ष : आपको बता दें कि दीपावली के अगले दिन से जैन समुदाय के लोग अपना नववर्ष मनाते हैं.इसे वीर निर्वाण संवत भी कहा जाता है. इसी दिन से जैन अपना नया साल मनाते हैं.
पारसी नववर्ष : पारसी धर्म का नया वर्ष नवरोज उत्सव के रूप में मनाया जाता है. आमतौर पर 19 अगस्त को नवरोज का उत्सव मनाया जाता है. 3 हजार साल पहले शाह जमशेदजी ने नवरोज मनाने की शुरुआत की थी.
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