बच्चों की आंखें इन पांच कारणों से होती हैं खराब, पेरेंट्स को जरूर रखना चाहिए इन बातों का ख्याल
तंत्रिका समस्याएं : तंत्रिका (नर्व) संबंधी समस्याएं बच्चों की आंखों को कमजोर कर सकती हैं. मस्तिष्क की नर्व, जो दृष्टि को नियंत्रित करती हैं, अगर प्रभावित होती हैं, तो बच्चों की आंखें कमजोर हो सकती हैं और वे अंधे भी हो सकते हैं. समय पर इलाज बहुत जरूरी है.
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View In Appआनुवंशिक स्थितियां : कुछ आनुवंशिक बीमारियां जैसे ऐल्बिनिज़म और रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा भी बच्चों की आंखों को कमजोर कर सकती हैं. यह बीमारियां परिवार में चलती हैं और इनसे बचना मुश्किल होता है. समय पर जांच और इलाज से इनका किया जा सकता है.
आंखों की बीमारियां : ग्लूकोमा, मोतियाबिंद और रेटिनोब्लास्टोमा जैसी बीमारियां भी बच्चों की आंखों को कमजोर कर सकती हैं। इनसे आंखों की रोशनी धुंधली हो सकती है और अंधापन भी हो सकता है. नियमित जांच और इलाज जरूरी है.
जन्म से : गर्भावस्था के दौरान बच्चे की आंखें विकसित होती हैं. इस दौरान किसी गड़बड़ी या समय से पहले जन्म होने पर बच्चे की आंखों में समस्या हो सकती है. प्रेगनेंसी के दौरान नियमित चेकअप और डॉक्टर की सलाह महत्वपूर्ण है.
खराब लाइफस्टाइल : विटामिन ए की कमी, ज्यादा टीवी देखना, मोबाइल चलाना, गलत तरीके से पढ़ना और कंप्यूटर का अधिक इस्तेमाल बच्चों की आंखों को नुकसान पहुंचाता है. इससे निकट दृष्टि दोष और दूर दृष्टि दोष हो सकता है. सही खान-पान और अच्छी आदतों से इन समस्याओं से बचा जा सकता है.
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