President Droupadi Murmu: तिरंगा साड़ी पहनकर राष्ट्रपति मुर्मू ने ली शपथ, जानिए क्यों खास है ये संताली साड़ी
Traditional Santali Saree: तिरंगा रंग की संताली साड़ी पहनकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बड़ी सादगी के साथ शपथ ग्रहण की. संताली साड़ी हैंडलूम यानि हाथ से बनी साड़ी होती है. इसे सफेद रंग के कपड़े पर रंगीन धागों से बनाया जाता है. इस साड़ी के छोर पर धारियों का काम किया जाता है. आदिवासी महिलाएं इसे खास मौकों पर पहनती हैं.
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View In Appसंताली साड़ी लंबी और एक समान धारियों वाली होती हैं. इनके बॉर्डर पर एक जैसी डिजाइन बनाई जाती है. परंपरागत संताली साड़ी पर तीन धनुष के डिजाइन होते थे, जो महिला आजादी का प्रतीक होते थे. हालांकि अब मोर, फूल और बतख के डिजाइन की साड़ियां भी मिलने लगी हैं.
ट्रेडिशनल संताली साड़ी पहले झारखंड के संताल परगना तक ही सीमित थीं, लेकिन अब झारखंड और उसके पड़ोसी राज्य ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम में खासतौर से प्रचलित हैं. अब देश के अन्य राज्यों में भी इस साड़ी की मांग बढ़ी है.
संताली साड़ी को आदिवासी और अन्य जातियों के त्योहारों पर पहना जाता है. महिलाएं बाहा, सोहराय, सरहुल और करमा जैसे खास पर्व पर इस साड़ी को पहनती हैं.
संताली साड़ी को बुनकर अपने हाथों से बनाकर तैयार करते हैं. यही वजह है कि ये साड़ी थोड़ी महंगी होती है. हैंडलूम संताली साड़ियों की कीमत करीब 5 हजार से शुरू होती है.
आदिवासी महिलाएं पहले इस साड़ी को लुंगी और ओढ़नी की तरह पहनती थीं, लेकिन समय और फैशन बदलने के साथ ही साड़ी पहने का अंदाज भी बदल गया है.
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