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कैंसर के इलाज के दौरान बाल क्यों झड़ते हैं?
आइए जानते हैं कि कैंसर के इलाज के दौरान मरीजों का बाल क्यों झड़ने लगते हैं और क्या वे फिर से आ जाएंगे.

कैंसर के इलाज में बालों का झड़ना एक आम बात है, जिसे मेडिकल भाषा में 'एलोपेसिया' कहा जाता है. यह ज्यादातर तब होता है जब मरीज कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी से गुजर रहा होता है.
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कैंसर के इलाज के दौरान बाल झड़ने का मुख्य कारण कीमोथेरेपी होता है. कीमोथेरेपी के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले दवाइयां तेजी से विभाजित होने वाली कोशिकाओं को निशाना बनाती हैं, जिसमें कैंसर कोशिकाएं भी शामिल होती हैं.
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कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कीमोथेरेपी दवाएं तेजी से विभाजित होने वाली कोशिकाओं को निशाना बनाती हैं. इसमें कैंसर कोशिकाएं तो आती ही हैं, साथ ही हमारे शरीर की अन्य तेजी से विभाजित होने वाली कोशिकाएं भी, जैसे कि बालों के रोम की कोशिकाएं जब ये कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो बाल झड़ने लगते हैं.
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रेडियोथेरेपी, जो कि कैंसर के एक विशेष क्षेत्र पर केंद्रित होती है, भी तब बालों के झड़ने का कारण बन सकती है जब इलाज सिर या गर्दन के आस-पास के क्षेत्र में हो. विशेषज्ञों का कहना है कि यह बालों का झड़ना अस्थायी होता है. इलाज के समाप्त होने के बाद, बालों के रोम फिर से सक्रिय हो सकते हैं और बाल उगना शुरू हो जाते हैं.
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इस प्रक्रिया में समय लगता है, और मरीजों को धैर्य रखने की जरूरत होती है. इलाज के खत्म होने के लगभग 3 से 6 महीने बाद, बालों का विकास दोबारा शुरू होता है, लेकिन पूर्ण विकास में एक साल या उससे अधिक का समय लग सकता है.
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मरीजों को अपने सिर की त्वचा का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है. उदाहरण के लिए, सूरज की सीधी किरणों से बचाव, नरम और हल्के शैम्पू का इस्तेमाल, और बालों को नैचुरली सूखने देना.
Published at : 11 Feb 2024 06:25 PM (IST)
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