बॉयफ्रेंड के साथ बार-बार हो ऐसा तो समझ जाएं ज्यादा दूर तक नहीं जाएगा आपका रिश्ता
रिलेशनशिप में एक-दूसरे की प्रॉयरिटी का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है. अहमियत मिलने से कोई भी रिश्ता मजबूत होता है. अगर हसबैंड-वाइफ या गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड अगर एक-दूसरे पर अपनी बात मनवाने का प्रेशर डालने लगे तो इसका असर रिलेशनशिप (Relationship) पर पड़ता है. रिश्ते में एक-दूसरे से लगाव और प्यार होना जरूरी है.,
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View In Appपार्टनर से सम्मान, समय और स्पेस भी हर किसी को उम्मीद होती है. जब ये चीजें रिश्ते में नहीं होती हैं तो रिश्ता मुश्किल दौर से गुजरने लगता है. कई बार सम्मान और समझदारी की कमी के चलते रिश्ता उस मोड़ पर पहुंच जाता है, जहां से साथ आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है.
यह टॉक्सिक रिलेशनशिप (Toxic relationship) का रूप ले लेता है और यहां से बाहर आ पाना आसान नहीं होता है. ऐसे में अगर रिश्ते में पहले से कुछ संकेत मिलने लगे तो संभल जाना चाहिए...
पार्टनर की परवाह न करना: कपल्स के बीच बार-बार लड़ाई-झगड़े होना, छोटी-छोटी बातों पर बहस हो जाना, कई-कई दिनों तक बातचीत न होना और एक-दूसरे की परवाह न करना टॉक्सिक रिलेशनशिप का सबसे बड़ा संकेत माना जाता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे संकेत पर संभल जाना ही समझदारी होती होती है.
बात न करना: थोड़ी नोंक-झोंक हर रिश्ते में हो ही जाती है. हालांकि, इसके बाद पैचअप भी हो जाता है लेकिन अगर कपल्स के बीच इस तरह की बहस के बाद पैचअप करने की कोशिश न की जाए तो रिश्ता कमजोर हो जाता है. ऐसी स्थिति को समझकर रिश्ते के भविष्य को समझना चाहिए.
अपने पार्टनर को कंट्रोल करना: कई बार रिश्ते में अपना पार्टनर को कंट्रोल करने की कोशिश करना भी रिलेशनशिप को टॉक्सिक बना देता है. ऐसे पार्टनर अपने साथी के हर फैसले को गलत बताते हैं, उन्हें हर चीज पर रोकते-टोकते हैं. जब भी किसी रिश्ते में ऐसा हो तो समझ जाना चाहिए कि टॉक्सिक रिलेशनशिप बन रहा है. ऐसे रिश्तों में एक पार्टनर हमेशा गलती करने के गिल्ट में रहता है और दूसरा इसे उसका बचपना बताता रहता है. ऐसे पार्टनर से अगर दूरी न बनाई जाए तो मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है.
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