Navagraha Stotra: कुंडली में सूर्य, बुध और शनि समेत सभी नवग्रह रहेंगे शांत, करें नवग्रह स्त्रोत का पाठ
नवग्रहों की शांति के लिए ज्योतिष में कुछ उपाय और पूजा के बारे में बताया गया है. नवग्रहों की शांति के लिए नवग्रह स्त्रोत का पाठ करना भी लाभकारी होता है. इन मंत्रों का आप कम से 108 बार जाप जरूर करें. सूर्य ग्रह के लिए ‘जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महद्युतिं। तमोरिसर्व पापघ्नं प्रणतोस्मि दिवाकरं।। ‘ मंत्र का जाप करें.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In Appराहु ग्रह- राहु छाया ग्रह है. यदि जातक की कुंडली में राहु की स्थिति अच्छी होती है शुभ फल की प्राप्ति होती है. राहु ग्रह की शांति के लिए ‘अर्धकायं महावीर्यं चंद्रादित्य विमर्दनं। सिंहिका गर्भसंभूतं तं राहूं प्रणमाम्यहं।। ‘ मंत्र का जाप करें.
मंगल ग्रह- ज्योतिष शास्त्र में मंगल को भूमि और संपत्ति का कारक माना जाता है. कुंडली में मंगल की शुभ स्थिति से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है. मंगल ग्रह की शांति के लिए ‘धरणीगर्भ संभूतं विद्युत्कांतीं समप्रभं। कुमारं शक्तिहस्तंच मंगलं प्रणमाम्यहं।।´मंत्र का जाप करें.
बुध ग्रह -बुध ग्रह को शुभ फलदाता कहा जाता है. बुध कन्या और मिथुन राशि के स्वामी हैं. कुंडली में बुध ग्रह की शांति के लिए ‘प्रियंगुकलिका शामं रूपेणा प्रतिमं बुधं। सौम्यं सौम्य गुणपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहं।।‘ मंत्र का जाप करें.
गुरु ग्रह- ज्योतिष शास्त्र में देव गुरु बृहस्पति को धन, वैभव, वैवाहिक जीवन और संतान का कारक माना जाता है. कुंडली में गुरु के उच्च भाव में होने से जातक को सुख और शुभ फल की प्राप्ति होती है. कुंडली में गुरु ग्रह की शांति के लिए ‘देवानांच ऋषिणांच गुरुंकांचन सन्निभं। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिं।। ‘ मंत्र का जाप करें.
शुक्र ग्रह- शुक्र ग्रह को ज्योतिष में शुभ ग्रह माना गया है, जो भोग, विलासिता और वैवाहिक जीवन के कारक हैं. कुंडली में शुक्र ग्रह की शांति के लिए ‘हिमकुंद मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरूं। सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहं।।‘ मंत्र का जाप करें.
शनि ग्रह- शनि को कर्म के अनुसर फलदाता और दंडनायक के रूप में जाना जाता है. सूर्यपुत्र शनि की शांति के लिए शनिवार के दिन ‘नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजं। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्वरं।।‘ मंत्र का जाप करें.
केतु ग्रह- कुंडली में केतु ग्रह के अशुभ प्रभाव होने पर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. राहु की शांति के लिए ‘पलाशपुष्प संकाशं तारका ग्रह मस्तकं। रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहं।।‘ मंत्र का जाप करें.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -