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Baisakhi 2023 Date: बैसाखी इस दिन है, क्यों मनाते हैं ये त्योहार? जानें इस पर्व से जुड़ी रोचक बातें
Baisakhi 2023 Date: बैसाखी का त्योहार 14 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा. ये दिन किसानों के लिए बहुत महत्व रखता है. आइए जानते हैं बैसाखी का इतिहास महत्व और इस दिन क्या करें.
![Baisakhi 2023 Date: बैसाखी का त्योहार 14 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा. ये दिन किसानों के लिए बहुत महत्व रखता है. आइए जानते हैं बैसाखी का इतिहास महत्व और इस दिन क्या करें.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/925c5a16a435cbd03500487f9e676b611681109107806499_original.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बैसाखी 2023
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![बैसाखी का पर्व पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में धूमधाम से मनाया जाता है. बैसाखी का त्योहार वैशाख के महीने में मनाया जाता है. वैशाख महीने तक रबी की फसलें पक जाती हैं और उनकी अच्छी पैदावार के लिए इस दिन अनाज की पूजा कर, प्रभू को धन्यवाद किया जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/a60949164cad7b78323773d653c613fc45643.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बैसाखी का पर्व पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में धूमधाम से मनाया जाता है. बैसाखी का त्योहार वैशाख के महीने में मनाया जाता है. वैशाख महीने तक रबी की फसलें पक जाती हैं और उनकी अच्छी पैदावार के लिए इस दिन अनाज की पूजा कर, प्रभू को धन्यवाद किया जाता है.
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![बैसाखी का त्योहार मनाने के पीछे मुख्य वजह अच्छी फसल के अलावा, इस दिन सिखों के दसवें और आखिरी गुरु गोविंद सिंह ने 1699 को खालसा पंथ की स्थापना की थी. इसके अलावा बैसाखी के दिन महाराजा रणजीत सिंह को सिख साम्राज्य का प्रभार सौंपा गया था. जिन्होंने एकीकृत राज्य की स्थापना की थी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/b183c011d1eefcd05ac9f18d3e4533c52cc79.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बैसाखी का त्योहार मनाने के पीछे मुख्य वजह अच्छी फसल के अलावा, इस दिन सिखों के दसवें और आखिरी गुरु गोविंद सिंह ने 1699 को खालसा पंथ की स्थापना की थी. इसके अलावा बैसाखी के दिन महाराजा रणजीत सिंह को सिख साम्राज्य का प्रभार सौंपा गया था. जिन्होंने एकीकृत राज्य की स्थापना की थी.
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![बैसाखी के दिन तीर्थ स्नान-दान और सूर्य देव को अर्घ्य देने से सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे, इसे मेष संक्रांति मनाई जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन से सौरवर्ष का आरंभ होता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/0437e0dc76c7e26eb292a2b458369da7c1258.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बैसाखी के दिन तीर्थ स्नान-दान और सूर्य देव को अर्घ्य देने से सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे, इसे मेष संक्रांति मनाई जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन से सौरवर्ष का आरंभ होता है.
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![इस दिन को अलग-अलग राज्यों में विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसे बंगाल में नबा वर्ष, केरल में पूरम विशु, असम में बिहू के नाम से लोग इस पर्व को मनाते हैं. पंजाब में लोग पकवान बनते हैं, गुरुद्वारे जाकर गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ व कीर्तन करते हैं, नृत्य भांगड़ा करके खुशी मनाते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/cf9e4f31c7822a855524e3f2fb9d02539c11b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इस दिन को अलग-अलग राज्यों में विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसे बंगाल में नबा वर्ष, केरल में पूरम विशु, असम में बिहू के नाम से लोग इस पर्व को मनाते हैं. पंजाब में लोग पकवान बनते हैं, गुरुद्वारे जाकर गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ व कीर्तन करते हैं, नृत्य भांगड़ा करके खुशी मनाते हैं.
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![बैसाखी के दिन जरुरतमंदों को फसल का थोड़ा सा हिस्सा दान करने, गरीबों मेंखीर, शरबत बांटें जाते हैं. मान्यता है कि इस दिन जन सेवा करने से घर में बरकत बनी रहती है और दरिद्रता दूर होती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/14ab98965fdd5310fc9aa29447c0d880b17fa.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बैसाखी के दिन जरुरतमंदों को फसल का थोड़ा सा हिस्सा दान करने, गरीबों मेंखीर, शरबत बांटें जाते हैं. मान्यता है कि इस दिन जन सेवा करने से घर में बरकत बनी रहती है और दरिद्रता दूर होती है.
Published at : 10 Apr 2023 01:24 PM (IST)
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शंभू भद्रएडिटोरियल इंचार्ज, हरिभूमि, हरियाणा
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