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Krishna Paksha Festival: भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष में अब बाकी हैं ये त्योहार, जानें उनके शुभ मुहूर्त और महत्व
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सितंबर में व्रत
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![Krishna Paksha Festival: जन्माष्टमी का पर्व सोमवार को मनाया जा चुका है. 30 अगस्त को जन्माष्टमी पर्व के बाद अब भाद्रपद के कृष्ण पक्ष को समाप्त होने में पूरा एक हफ्ता बाकी है. आइए जानते हैं इस पूरे हफ्ते के त्योहार और उनके शुभ मुहूर्त.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/08/31/43759303d81dd24d695a6d0965a3258871bba.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Krishna Paksha Festival: जन्माष्टमी का पर्व सोमवार को मनाया जा चुका है. 30 अगस्त को जन्माष्टमी पर्व के बाद अब भाद्रपद के कृष्ण पक्ष को समाप्त होने में पूरा एक हफ्ता बाकी है. आइए जानते हैं इस पूरे हफ्ते के त्योहार और उनके शुभ मुहूर्त.
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![गोगा नवमी- कृष्ण पक्ष की नवमी तिथी को गोगा नवमी या कृष्ण नवमी मनाई जाती है. संतान सुख की प्राप्ति और लंबी उम्र के लिए गोगा नवमी का व्रत किया जाता है. ये व्रत मुख्यतः राजस्थान में मनाया जाता है. गोगा जी राजस्थान के लोक देवता हैं. गोगा नवमी आज यानी 31 अगस्त को मनाई जा रही है. नवमी तिथि 31 अगस्त सुबह 2:00 बजे शुरू होकर 1 सितंबर को 4 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/08/31/c73efe171a7ccbffe7881b6c735da2a6a132f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गोगा नवमी- कृष्ण पक्ष की नवमी तिथी को गोगा नवमी या कृष्ण नवमी मनाई जाती है. संतान सुख की प्राप्ति और लंबी उम्र के लिए गोगा नवमी का व्रत किया जाता है. ये व्रत मुख्यतः राजस्थान में मनाया जाता है. गोगा जी राजस्थान के लोक देवता हैं. गोगा नवमी आज यानी 31 अगस्त को मनाई जा रही है. नवमी तिथि 31 अगस्त सुबह 2:00 बजे शुरू होकर 1 सितंबर को 4 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी.
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![अजा एकादशी- भाद्रपद में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को अजा एकादशी या जया एकादशी के नाम से जाना जाता है. ये सितंबर महीने की 3 तारीख को मनाई जाएगी. एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है. अजा एकादशी का शुभ मुहूर्त 2 सितंबर 2021, दिन गुरुवार सुबह 6:21 से शुरू होकर 3 सितंबर 2021, शुक्रवार सुबह 7:44 तक होगा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/08/31/8caa80e3c7638dca5615f604ba0307a554033.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अजा एकादशी- भाद्रपद में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को अजा एकादशी या जया एकादशी के नाम से जाना जाता है. ये सितंबर महीने की 3 तारीख को मनाई जाएगी. एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है. अजा एकादशी का शुभ मुहूर्त 2 सितंबर 2021, दिन गुरुवार सुबह 6:21 से शुरू होकर 3 सितंबर 2021, शुक्रवार सुबह 7:44 तक होगा.
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![प्रदोष व्रत- भादो महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत किया जाता है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की अराधना की जाती है. इस बार ये व्रत शनिवार को पड़ रहा है. इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा. त्रयोदशी तिथि का आरंभ 4 सितंबर की सुबह 8 बजकर 24 मिनट पर होगा. वहीं तिथि का समापन अगले दिन 4 सितंबर रविवार को 8 बजकर 21 मिनट पर होगा. कहते हैं कि प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. प्रदोष काल सूर्यास्त से 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है. इस काल में ही इस व्रत की पूजा की जानी चाहिए. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 2 घंटे और 16 मिनट का है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/08/31/40b4dc2f205f5f1d2cf56199531b38ccfc35a.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
प्रदोष व्रत- भादो महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत किया जाता है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की अराधना की जाती है. इस बार ये व्रत शनिवार को पड़ रहा है. इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा. त्रयोदशी तिथि का आरंभ 4 सितंबर की सुबह 8 बजकर 24 मिनट पर होगा. वहीं तिथि का समापन अगले दिन 4 सितंबर रविवार को 8 बजकर 21 मिनट पर होगा. कहते हैं कि प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. प्रदोष काल सूर्यास्त से 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है. इस काल में ही इस व्रत की पूजा की जानी चाहिए. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 2 घंटे और 16 मिनट का है.
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![मासिक शिवरात्रि- भगवान शिव ऐसे देवता हैं, जो अपने भक्त से बहुत आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं. भाद्रपद मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक विशेष संयोग बन रहा है. पंचांग के अनुसार 05 सितंबर रविवार को भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा. भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त रात्रि 11:57 मिनट से 06 सितंबर 2021 सोमवार को प्रात: 12:43 मिनट तक बना हुआ है. चतुर्दशी तिथि का समापन 06 सितंबर को प्रात: 07:38 मिनट पर होगा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/08/31/cb35ff4fd1fde0e96b012ce5ce194f9e0fa68.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मासिक शिवरात्रि- भगवान शिव ऐसे देवता हैं, जो अपने भक्त से बहुत आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं. भाद्रपद मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक विशेष संयोग बन रहा है. पंचांग के अनुसार 05 सितंबर रविवार को भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा. भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त रात्रि 11:57 मिनट से 06 सितंबर 2021 सोमवार को प्रात: 12:43 मिनट तक बना हुआ है. चतुर्दशी तिथि का समापन 06 सितंबर को प्रात: 07:38 मिनट पर होगा.
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![पिठौरी अमावस्या- भाद्रपद मास में पड़ने वाली अमावस्या को पिठौरी अमावस्या कहते हैं. इस साल पिठौरी अमावस्या सोमवार को मनाई जाएगी. इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए तर्पण को शुभकारी और मंगलकारी माना जाता है. इस दिन देवी दुर्गा जी की पूजा की जाती है. अमावस्या तिथि 6 सितंबर 2021 को शाम 07 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 7 सितंबर 2021 को शाम 06 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/08/31/0e283b3d89d0492c5e8e026666aba76979c00.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पिठौरी अमावस्या- भाद्रपद मास में पड़ने वाली अमावस्या को पिठौरी अमावस्या कहते हैं. इस साल पिठौरी अमावस्या सोमवार को मनाई जाएगी. इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए तर्पण को शुभकारी और मंगलकारी माना जाता है. इस दिन देवी दुर्गा जी की पूजा की जाती है. अमावस्या तिथि 6 सितंबर 2021 को शाम 07 बजकर 40 मिनट से शुरू होकर 7 सितंबर 2021 को शाम 06 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी.
Published at : 31 Aug 2021 03:47 PM (IST)
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