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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chaitra Navratri 2023: ये हैं माता सती के 9 प्रमुख शक्तिपीठ, जहां नवरात्रि में लगता है भक्तों का तांता
कालीघाट मंदिर: कोलकाता स्थित कालीघाट मंदिर बहुत प्रसिद्ध है. जब भगवान विष्णु ने अपना सुदर्शन चक्र मां सती पर चलाया तो उनके शरीर के अंग जगह-जगह गिरे. इनमें कोलकाता का कालीघाट मंदिर भी एक है. कहा जाता है यहां मां के पांव की चार ऊंगलियां गिरी थी. यह मां सती के 52 शक्तिपीठों में प्रमुख शक्तिपीठ है.
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View In Appअम्बाजी का मंदिर: गुजरात और राजस्थान की सीमा बनासकांठा जिले की दांता तालुका में स्थित पहाड़ियों के ऊपर यह मंदिर देवी सती को समर्पित 52 शक्तिपीठों में एक है. कहा जाता है कि यहां मां सती का हृदय गिया था. नवरात्रि के दौरान यहां पूजा-पाठ के लिए भक्तों की भारी भीड़ होती है.
हर सिद्धि माता मंदिर: मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित हर सिद्धि मंदिर प्रमुख शक्तिपीठों में एक है. यह मंदिर महाकाल ज्योतिर्लिंग के पास है. कहा जाता है कि यहां मां सती का बांया हाथ और होंठ का ऊपरी हिस्सा गिरा था. नवरात्रि के मौके पर इस मंदिर में भी भक्तों की भीड़ उमड़ती है.
ज्वाला देवी मंदिर: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में कालीधर पहाड़ी के बीच में ज्वाला देवी मंदिर में हमेशा ही भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. कहा जाता है कि यहां मां सती के नेत्र गिरे थे.
कामख्या देवी मंदिर: असम के गुवाहाटी में कामख्या देवी का मंदिर है. कहा जाता है कि मां सती का योनि भाग यहां कटकर गिरा था. यही कारण है कि यहां योनि पूजन की मान्यता है.
तारापीठ: पश्चिम बंगाल के बीरभूल जिले में यह शक्तिपीठ मां तारा देवी को समर्पित है. कहा जाता है कि यहां मां सती के नयन (तारा) गिरे थे. इस कारण इसका नाम तारापीठ पड़ा. हालांकि प्राचीन समय में इस मंदिर का नाम चंदीपुर था. तांत्रिक क्रिया और तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए भी यह मंदिर जाना जाता है.
नैना देवी मंदिर: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में नैना देवी मंदिर पौराणिक इतिहास को लेकर प्रिद्ध है. कहा जाता है कि यह मां सती के नेत्र गिरे थे, जिस कारण इसका नाम नैना देवी मंदिर पड़ा.
श्री वज्रेश्वरी देवी मंदिर: हिमाचल प्रदेश में स्थित यह मंदिर 9 शक्तिपीठों में एक है. कहा जाता है कि यहां पर मां सती का बांया वक्षस्थल गिरा था. स्तनभाग गिरने पर जो शक्ति प्रकट हुई थी वह व्रजेश्वरी कहलाई. यह मंदिर भी तंत्र-मंत्र साधना और ज्योतिष विद्या को लेकर प्रसिद्ध है.
महालक्ष्मी मंदिर: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित महालक्ष्मी का मंदिर भी प्रमुख शक्तिपीठों में एक है. कहा जाता है कि यहां मां सती का त्रिनेत्र गिरा था. यह मंदिर इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि यहां चारों दिशाओं से प्रवेश के मार्ग है और यहां साल में एक बार सूर्य की किरणें सीधे देवी की प्रतिमा पर पड़ती है.
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