Chanakya Niti: विवाह से पहले पार्टनर को इन 5 चीजों से परखें, शादी के बाद नहीं होंगे दुखी
वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्। रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।। - इस श्लोक में चाणक्य ने जीवनसाथी को धर्म, धैर्य, संस्कार, संतोष, क्रोध और मधुर वाणी पर परखें.
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View In Appधर्म - शादि से पहले अपने पार्टनर के बार में यह जानना जरुरी है कि वह धर्म कर्म के काम को महत्व देता है या नहीं, क्योंकि धार्मिक व्यक्ति अपनी मर्यादा कभी नहीं भूलता और परिवार के प्रति समर्पित रहता है.
संयम - चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति संयम और धैर्य का भाव होता है वह परिवार को हर मुश्किल हालातों से बचा लेता है. मुसीबत के वक्त डटकर परिवार की ढाल बनता है. विवाह के पहले पार्टनर में धैर्य का भाव जरुर परखें.
गुस्सा - शादी से पहले पार्टनर के गुस्से को परख लेना चाहिए. क्रोध रिश्तों में दरार ला देता है. गुस्से में व्यक्ति सही गलत का अंतर भूल जाता है. क्रोध करने वाला व्यक्ति जीवनसाथी पर शब्दों का बाण चलाता है फिर चाहे वह सही क्यों न हो. जो पार्टनर को गहरी चोट पहुंचा सकता है.
मधुर वाणी - वाणी व्यक्ति के रिश्ते बना भी देती है और बिगाड़ भी सकती है. पति-पत्नी की मधुर वाणी से ही वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती है. जीवनसाथी के कटु वचन दांपत्य जीवन में दूरियां बढ़ा देते हैं.
संस्कारी - लाइफ पार्टनर में का चुनाव करते वक्त उसकी बाहरी सुंदरता की बजाय उसके गुणों पर गौर करें, क्योंकि एक संस्कारी व्यक्ति शादी के बाद पति या पत्नी के साथ हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहता है. संस्कारवान होने से कई पीढ़ियों का उद्धार होता है.
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