Chanakya Niti: जीवन को चिंता और तनाव मुक्त बनाना चाहते हैं तो इन चीजों में बनाकर रखें संतुलन
अत्यासन्ना विनाशाय दूरस्था न फलप्रदा:,सेवितव्यं मध्याभागेन राजा बहिर्गुरू: स्त्रियं: - आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक में कहा है कि जीवन में सुख और शांति चाहते हैं तो स्त्री, आग और शक्तिशाली मनुष्य से संतुलित व्यवहार करें.
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View In Appइन तीनों के न तो ज्यादा करीब जाना चाहिए, न ही ज्यादा दूरी बनाकर रखें. इनसे बैलेंस बनाकर एक निश्चित दूरी रखनी चाहिए.
चाणक्य कहते हैं कि आर्थिक और सामाजिक रुप से शक्तिशाली व्यक्ति की न दोस्ती अच्छी न ही दुश्मनी. ऐसे व्यक्ति का साथ आपको फायदा जरुर पहुंचाता है लेकिन इनके आगे आपको मान-सम्मान से समझौता करना पड़ता है. वहीं इनसे ज्यादा दूरी बनाने पर कई काम भी अटक जाते हैं
समाजिक और धन से बलवान शख्स अपने फायदे के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल आपके खिलाफ भी कर सकता है. इससे आप उसके षड़यंत्र का शिकार हो सकते हैं. इनसे उचित दूरी बनाकर रखने में ही आपकी भलाई है. ऐसे में ये फायदा नहीं उठा पाएंगे.
अग्नि को लेकर चाणक्य ने कहा कि बर्तन से ज्यादा दूरी रखने पर खाना नहीं बन सकता है. लेकिन इसके ज्यादा करीब जाने पर आप जल भी सकते हैं.
चाणक्य कहते हैं कि सुखी जीवन चाहते हैं तो हमेशा स्त्री से सुंतलित व्यवहार करें. इनसे ज्यादा करीबी आपकी छवि को नुकसान पहुंचा सकती है. वहीं ज्यादा दूरी बनाने पर नफरत मिलती है.
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