Chanakya Niti: चाणक्य की इन बातों में छिपा है दुश्मन को पराजित करने का रामबाण उपाय
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार हर सफल व्यक्ति के ज्ञात और अज्ञात शत्रु होते हैं. इसलिए शत्रु को लेकर सावधान रहना चाहिए. इन्हें कभी कजमोर समझने की भूल नहीं करनी चाहिए. शत्रु को पराजित करना चाहते हैं तो चाणक्य की ये सलाह आपके काम आ सकती है.
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View In Appचाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार मनुष्य को विपदा या परेशानी आने पर घबराना नहीं चाहिए. जो व्यक्ति मुसीबत आने पर धैर्य खो देता है, उसे शत्रु आसानी से पराजित कर देता है. इसलिए किसी भी परिस्थिति में व्यक्ति को अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए.
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार स्वस्थ्य तन में ही स्वस्थ्य मस्तिष्क रहता है. किसी भी तरह की समस्या का हल निकालने के लिए उत्तम स्वास्थ्य का होना अतिआवश्यक है. सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास करने चाहिए. सेहत के मामले में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. सेहत अच्छी होने से कार्य क्षमता में वृद्धि होती है. ऊर्जा बनी रहती है. जो शत्रु को पराजित करने में अहम भूमिका निभाती है.
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार अहंकार से मनुष्य को दूर रहना चाहिए. ये एक ऐसा अवगुण है जिसका शत्रु सबसे अधिक लाभ उठाने का प्रयास करता है. अहंकार में अक्सर व्यक्ति गलत निर्णय लेता है जो बाद में शत्रु के लिए अवसर की तरह होते हैं. शत्रु इस अवसर का लाभ उठाता है. इसलिए अहंकार से बचना चाहिए. अहंकार व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु है.
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार जो व्यक्ति सत्य का पालन करता है. नियमों को अपनाता है और अनुशासित जीवन शैली को जीता है, उससे शत्रु भयभीत रहता है. इस गुण का कभी त्याग नहीं करना चाहिए. सत्य को कोई भी पराजित नहीं कर सकता है. देर अवश्य लग सकती है, लेकिन विजय अंत में सत्य की ही होती है. इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए.
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार शत्रु आपकी हर चाल और गतिविधि पर पैनी नजर रखता है. इसलिए आपकी थोड़ी सी भी लापरवाही उसके लिए फायदे की चीज साबित हो सकती है. शत्रु को पराजित करना है तो अपने आसपास सदैव भरोसेमंद लोगों को रखना चाहिए. गलत आदतों से दूर रहकर कठोर अनुशासन और नियमों का पालन करना चाहिए.
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