Christmas 2021: यहां 25 दिसंबर नहीं 6 जनवरी को मनाया जाता है क्रिसमस, दुनिया की सबसे पुरानी चर्चों में है शुमार, जानें इससे जुड़ी रोचक बातें
25 दिसंबर का पर्व दुनियाभर में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. क्रिसमस पर्व ईसाई और गैर ईसाई सभी धर्म के लोग पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन ईसाईयों के भगवान प्रभु यीशु का जन्म हुआ था. और इसी खुशी में चर्च और घरों को लाइटों क्रिसमस ट्री आदि से सजाया जाता है.
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View In Appक्रिसमस के दिन लोग भगवान यीशु का जन्मदिन मनाते हैं और दुनिया में शांति और अमन बनाए रखने की प्रार्थना करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया में एक ऐसा चर्च है जहां क्रिसमस 25 दिसबंर को नहीं बल्कि 6 जनवरी को मनाया जाता है. आइए जानें.
इतिहासकारों की मानें तो प्रभु यीशु के जन्म के बाद ही ईसाई धर्म का उदय हुआ. वहीं, राजा तिरिडेट्स ने ग्रेगरी को पहला कैथोलिक घोषित कर दिया था. माना जाता है कि गेगरी ने प्रभु यीशु को पृथ्वी पर उतरते देखा था. तब ग्रेगरी ने राजा को बताया कि प्रभु ने उन्हें आर्मेनिया में चर्च बनाने की बात की.
उस जगह पर विशाल ईसाई मंदिर निकला, आज जिसकी गिनती दुनिया के सबसे पुरानी चर्च में की जाती है. और इसके बाद से ही वहां लोगों का विश्वास भी बढ़ता गया.
बता दें कि अर्मेनियाई अपोस्टोलिक चर्च ने क्रिसमस को पूर्णरूपेण से 25 दिसंबर को नहीं, बल्कि 6 जनवरी को क्रिसमस दिवस घोषित किया. और तभी से यहां 6 जनवरी के दिन एपिफेनी का पर्व मनाया जाता है. और इसी पर्व के उपलक्ष्य में क्रिसमस मनाया जाता है.
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