Bhishma Bhojan Formula: रोजाना इस तरह करेंगे भोजन तो मां लक्ष्मी का होगा घर में वास, जानें भीष्म फॉर्मूला
महाभारत युद्ध के समय जब भीष्म पितामह शरशैया पर लेटे थे तब युधिष्ठिर, अर्जुन समेत पांडव उनसे ज्ञान प्राप्त कर रहे थे. इसी ज्ञान को भीष्म नीति भी कहा गया है. इस दौरान भीष्म पितामह ने भोजन को लेकर कई अहम बातें बताई जो आज की पीढ़ी को जरूर जाननी चाहिए.
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View In Appभीष्म पितामह कहते हैं कि जहां परिवार के लोग एक ही थाली में मिलजुल कर खाना खाते हैं वहां धन, अन्न की कोई कमी नहीं होती. मां लक्ष्मी का वास होता है. ऐसी थाली में को अमृत के समान माना गया है.
भीष्म पितामह के अनुसार जिस भोजन की थानी में बाल गिर जाए तो ऐसी भोजन खाने के योग्य नहीं माना जाता है. ऐसा करने पर घर में दरिद्रता आती है.
आज के दौर में पति-पत्नी का एक थाली में भोजन करना आम बात है, मान्यता के अनुसार भले ही इसे दांपत्य जीवन में मिठास बनाए रखने का तरीका माना गया हो लेकिन भीष्ण ने इसे अनुचित माना है. भीष्म के अनुसार एक ही थाली में पति-पत्नी भोजन करते हैं तो ऐसी थाली मादक(नशीला) पदार्थों से भरी मानी जाती है.
भीष्म कहते हैं कि जिस खाने की थाली को पैर से ठोकर लग जाए तो ऐसी थाली का त्याग करने में ही भलाई है. ऐसा भोजन ग्रहण करने से बरकत चली जाती है. व्यक्ति कर्ज के बोझ तले दब जाता है
बड़े-बुजुर्गों को अक्सर कहते सुना होगा कि भोजन की थाली को कभी लांघना नहीं चाहिए, भीष्म ने भी इसी पर गौर करते हुए कहा था कि जिस भोजन की थाली को लांघ दिया जाए उसे कीचड़ के समान समझकर छोड़ देना चाहिए. ऐसा भोजन ग्रहण करना शुभ नहीं होता.
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